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Bihar Assembly Election 2020: दल-बदलने को अब MLAs हुए बेचैन, लाइन में लालू के समधी भी

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विधायकों के बीच दल बदलने की अब होड़ मचने वाली है। बेचैनी में अब विधायक इस दल से उस दल में छलांग लगाएंगे। इसमें लालू के समधी चंद्रिका राय भी शामिल हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 10:44 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 04:39 PM (IST)
Bihar Assembly Election 2020: दल-बदलने को अब MLAs हुए बेचैन, लाइन में लालू के समधी भी
Bihar Assembly Election 2020: दल-बदलने को अब MLAs हुए बेचैन, लाइन में लालू के समधी भी

पटना [अरुण अशेष]। Bihar Assembly Election 2020: अपने दल से टिकट मिलने की गांरटी न होने के चलते कई विधायक पाला बदलने जा रहे हैं। कतार में जदयू के विधायक भी शामिल हैं। इस लिस्‍ट में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय भी शामिल हैं। हालांकि राजद विधायक चंद्रिका राय का किस्सा अलग है। वह पारिवारिक कारणों से राजद से अलग हो रहे हैं। उन्होंने भी जदयू में जाने की घोषणा की है।

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जदयू के अमरनाथ गामी भी इसमें जुड़ गए हैं। उन्होंने सोमवार को कहा-जदयू हमको छोड़ रहा है। हम जदयू को नहीं छोड़ रहे हैं। वह दरभंगा जिला के हायाघाट के विधायक हैं। असल में गामी की चर्चा इस बात को लेकर हुई कि उन्होंने तेजस्वी यादव की बेरोजगारी के खिलाफ प्रस्तावित आन्दोलन की तारीफ की है। हालांकि, उनका कहना था कि तेजस्वी की तारीफ नहीं की। सिर्फ यह कहा कि बेरोजगारी बड़ी समस्या है। इसको लेकर सबको गंभीर होना चाहिए।

वैसे, जदयू के कार्यक्रमों में गामी को लंबे समय से नहीं बुलाया जा रहा है। इस हालत में वह मानकर चल रहे हैं कि उन्हें टिकट के लिए किसी और दल का सहारा लेना पड़ेगा। 

जदयू के विधान परिषद सदस्य इकबाल अंसारी के साथ भी यही संकट है। वह बांका से राजद के विधायक रह चुके हैं। यह क्षेत्र अभी भाजपा के रामनारायण मंडल के कब्जे में है। मंडल मंत्री है। परिषद में अंसारी का कार्यकाल अगले साल समाप्त होने वाला है। सो, चुनाव लडऩे के लिए दल बदलना उनकी जरूरत है। 

केवटी के राजद विधायक डा. फातमी के पिता पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी जदयू में चले गए। उसी दिन राजद ने केवटी के लिए अपना नया उम्मीदवार खोजना शुरू कर दिया।

पातेपुर की राजद विधायक प्रेमा चौधरी पर दल का आरोप है कि जदयू-राजद के बीच चली तकरार के दौरान जदयू से उनकी नजदीकियां बढ़ गई थीं। उन्हें अगले चुनाव में बेटिकट होने का संदेश दे दिया गया था। पाला बदलने के बाद वह वैशाली जिले की किसी सुरक्षित सीट पर एनडीए उम्मीदवार की हैसियत से चुनाव लडऩा चाह रही हैं। 


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