Bihar Assembly Election: लालू ने दिया महागठबंधन का सीट शेयरिंग फॉर्मूला, RJD के लिए तय कीं 150 सीटें
Bihar Assembly Election महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के लिए राजद प्रमुख का संदेश लेकर दो दिनों से तेजस्वी दिल्ली में जमे हैं। उन्हें कांग्रेस आलाकमान से बात करनी है।
पटना, अरविंद शर्मा। Bihar Assembly Election: भाजपा-जदयू और लोजपा के रास्ते पर आते ही महागठबंधन के घटक दलों में भी हरकत तेज हो गई है। सीटों के बंटवारे पर बात आगे बढ़ाने के लिए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दो दिनों से दिल्ली में जमे हैं। उन्हें कांग्रेस के आंतरिक महाभारत के खत्म होने का इंतजार है, जिसके बाद वह अहमद पटेल से बात-मुलाकात करके सीट बंटवारे की गुत्थियां सुलझा सकते हैं। इस बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने महागठबंधन में सीट बंटवारे का अपना फार्मूला दिया है। इसके तहत उन्होंने राजद के लिए न्यूनतम 150 सीटें तय कर रखी हैं।
लालू प्रसाद ने दिया महागठबंधन में सीट बंटवारे का फॉर्मूला
सूत्रों के मुताबिक मुख्य बंटवारा राजद और कांग्रेस के बीच ही होना है। जब शीर्ष स्तर पर दोनों दल सीटों की परस्पर दावेदारी पर एकमत हो जाएंगे और दोनों के हिस्से की संख्या तय हो जाएगी तो बाद में दोनों दलों के करीबी सहयोगियों को भी उनकी हैसियत के हिसाब से सीटें दे दी जाएंगी। लालू के फॉर्मूले के मुताबिक राजद के हिस्से से माले और विकासशील इंसान पार्टी को सीटें मिलनी हैं। जबकि, कांग्रेस के हिस्से से उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और भाकपा-माकपा को सीटें दी जानी हैं।
सीट बंटवारे को कांग्रेस ने बनाई तीन सदस्यीय समिति
कांग्रेस ने भी सीट बंटवारे की गुत्थियों को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति बना रखी है, जिसमें वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, के वेणुगोपाल और शक्ति सिंह गोहिल शामिल हैं। गोहिल बिहार कांग्रेस के प्रभारी भी हैं और लोकसभा चुनाव के पहले से ही बिहार के राजनीतिक हालात को समझते हैं। सीट बंटवारे पर कांग्रेस की ओर से राजद से उक्त तीनों नेता ही बात करेंगे। बाकी कोई अन्य अधिकृत नहीं है। पिछले सप्ताह गोहिल इसी मसले पर बात करने आए थे। तीन दिनों तक पटना में रहना था। तेजस्वी से मिलकर सीटों का मसला सुलझाना था, लेकिन उन्हें अचानक लौट जाना पड़ा था।
राजद ने तय कर रखी हैं डेढ़ सौ सीटें
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने राजद के लिए 150 से 160 सीटें तय कर रखी हैं। राजद ने एक एजेंसी से सर्वे कराने के बाद अपने दावे वाली सीटों को भी चिह्नित कर रखा है। तेजस्वी को कांग्रेस के साथ उसी सूची पर बात करनी है, जिसपर लालू ने अपनी मुहर लगा रखी है। लालू की सूची के हिसाब से कांग्रेस के खाते में 83 से 93 सीटें आ सकती हैं। इन्हीं सीटों में से कांग्रेस को अपने साथ खड़े रालोसपा और भाकपा-माकपा को संतुष्ट करना होगा। कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है। गोहिल चाहते हैं कि भाकपा-माकपा को सीटें भी राजद अपनी ओर से ही दे। ऐसा हुआ तो राजद को 15-20 सीटें कुर्बान करनी होंगी। दूसरी बड़ी दिक्कत विकासशील इनसान पार्टी के मुकेश सहनी को लेकर आ रही है। सूचना है कि सत्ता मिलने पर उन्होंने उप मुख्यमंत्री पद की मांग कर रखी है, जिसके लिए राजद तैयार नहीं है। रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के साथ भी पहले इसी तरह की दिक्कत थी, लेकिन अब मामले को सलटा लिया गया है। राजद-कांग्रेस पर ही सभी घटक दलों का ख्याल रखने की जिम्मेदारी है। जाहिर है इस प्रयास में दोनों बड़े दलों को अपनी अपेक्षाएं कम करनी होंगी।