Bihar Assembly Election 2020 : आज किसान चाची के गांव जाएंगे जेपी नड्डा, आत्मनिर्भर बिहार के लिए करेंगे प्रेरित
Bihar Assembly Election 2020 जेपी नड्डा आज पटन देवी मंदिर में दर्शन के बाद सीएम से मिलेंगे। दरभंगा में मखाना क्लस्टर व मुजफ्फपुर में वर्चुअल रैली के बाद किसान चाची के गांव जाएंगे ।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Assembly Election 2020 : भविष्य के लिए आधी आबादी को निर्णायक मानकर भाजपा चुनावी रणनीति को अब अंजाम देने लगी है। इस कड़ी में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा आज शनिवार को किसान चाची के गांव आनंदपुर का रुख करेंगे। इसके पहले वे सुबह में पटन देवी मंदिर में दर्शन करेंगे। वहां से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने जाएंगे। माना जा रहा है कि सीएम से मुलाकात के दौरान आज सीटों को लेकर फाइनल बातचीत होगी। इसके बाद जेपी नड्डा दरभंगा में मखाना क्लस्टर जाएंगे। वहां से मुजफ्फरपुर जाएंगे वहां भाजपा महिला मोर्चा की ओर से आयोजित वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे। इसके बाद मुजफ्फरपुर जिला से 30 किमी दूर सरैया प्रखंड के आनंदपुर किसान चाचाी के गांव जाएंगे।
पद्मश्री और किसान सम्मान से सम्मानित हैं किसान चाची
साइकिल से घूम-घूमकर खुद के बनाए कृषि उत्पादों का विपणन (मार्केटिंग) करने वाली राजकुमारी देवी पहले साइकिल चाची कही गईं और उसके बाद किसान चाची के रूप में ख्यातिलब्ध हो गईं। महिलाओं को स्वावलंबन का पाठ पढ़ाने के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान भी मिल चुका है। उसके पहले वे किसानश्री सम्मान की हकदार बनी थीं।
नड्डा भी महिलाओं को वस्तुत: यही समझाने आ रहे कि स्वावलंबन के जरिए आर्थिक समृद्धि भी हासिल हो सकती है और समाज में गरिमामय स्थान भी। उनके कार्यक्रम की तैयारी का जिम्मा नगर विकास मंत्री को सुरेश शर्मा को मिला है, जो मुजफ्फरपुर के विधायक हैं और इस बार भी विधानसभा चुनाव में टिकट के सशक्त दावेदार।
वर्चुअल रैली में आत्मनिर्भर बिहार की चर्चा
जेपी नड्डा के साथ विधानसभा चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फड़नवीस भी वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे। किसान चाची की कामयाबी का उदाहरण देकर दोनों नेता महिलाओं को स्वावलंबन और स्वरोजगार के लिए उत्प्रेरित करेंगे। सुरेश शर्मा ने बताया कि किसान चाचाी के आनंदपुर गांव का कोना-कोना कृषि उत्पादों से अटा पड़ा है। आम, अदरक, ओल के अचार तो आंवला और बेल के मुरब्बे की खुशबू हर कोने में है। छोटी सी किसानी से भी कैसे खुशहाली आ सकती है, राजकुमारी देवी का घर एक मिसाल है और उसके पीछे उनका त्याग है। शादी के नौ साल बाद भी सूनी गोद और साथ में बेरोजगार पति। अपनी जिद पर राजकुमारी देवी ने घर की दहलीज लांघी। परिवार और समाज से बहिष्कृत कर दी गईं, फिर भी वे अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ती गईं और आज उपलब्धि के इस मुकाम पर हैं।
मोदी, नीतीश और अमिताभ तक हैं प्रशंसक
पूसा कृषि विश्वविद्यालय से खाद्य प्रसंस्करण की तरकीब सीख राजकुमारी देवी ने अचार और मुरब्बे के काम को आगे बढ़ाया। महज डेढ़ सौ रुपये से शुरू किया उनका काम आज कारोबार बन गया है, जिससे कई महिलाएं और युवतियां जुड़ी हुई हैं। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी भी उनकी लगन की तारीफ कर चुके हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कामकाज देखने उनके घर तक गए। टीवी चैनल के कार्यक्रम (आज की रात है जिंदगी) में वे अमिताभ बच्चन के साथ भी दिख चुकी हैं। उनसे प्रभावित बिग बी कार्यक्रम में उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा किए थे।