बिहार में मशरुम उत्पादन से बदल रही युवाओं की किस्मत, आपको भी सीखना है तरीका तो यहां करें संपर्क
बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने राज्य से बेरोजगारी दूर करने के लिए मशरूम को माध्यम बनाया है। विवि के तत्वावधान में राजधानी के मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान में छह व सात अप्रैल को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने राज्य से बेरोजगारी दूर करने के लिए मशरूम को माध्यम बनाया है। विवि के तत्वावधान में राजधानी के मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान में छह व सात अप्रैल को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां पर राज्य का कोई भी बेरोजगार युवक एवं युवती को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने मीठापुर क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान को नोडल सेंटर बनाया है। बिहार का कोई युवा मशरूम की खेती और विक्रय के गुर सीखने के लिए यहां संपर्क कर सकता है।
संस्थान के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. एमडी ओझा ने कहा कि मशरूम उत्पादन के प्रति राज्य में काफी तेजी से आकर्षण बढ़ रहा है। न केवल राजधानी में, बल्कि गांवों में भी लोग मशरूम की सब्जी बड़े चाव से खा रहे हैं। इसमें प्रोटीन की प्रचुरता होने के कारण लोगों के शरीर से प्रोटीन की कमी भी दूर हो रही है। साथ ही मशरूम से ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने में भी मदद मिल रही है। कोई भी युवक-युवती यहां पर आकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकता है। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें बिहार कृषि विश्वविद्यालय का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
- बिहार कृषि विवि मशरूम से दूर करेगा राज्य से बेरोजगारी
- मीठापुर कृषि अनुसंधान संस्थान को विश्वविद्यालय ने बनाया नोडल सेंटर
- लोगों के शरीर में प्रोटीन की कमी को दूर होने के साथ बढ़ा रहा आय
मशरूम विशेषज्ञ एवं प्रशिक्षक कमलेश पाठक ने कहा कि मशरूम की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में लोग मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में कदम बढ़ाकर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। अब तो राज्य से बाहर भी मशरूम भेजने के लिए तैयारी चल रही है। बिहार के मशरूम की मुंबई व दिल्ली में बड़ी मांग हो रही है। इससे किसान एक्सपे्रस भी मदद ली जा रही है। इससे दक्षिण भारत के राज्यों में बिहार में पैदा हुए मशरूम भेजा जा सकता है। वर्तमान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से 500 से अधिक युवा मशरूम उत्पादन से जुड़े हैं।