बिहार के 16 जिलों के किसानों के लिए सरकार ने खोला खजाना, फसल क्षतिपूर्ति के लिए मिले 8 लाख आवेदन
Bihar Farmer News बिहार के 16 जिलों के किसानों के लिए सरकार ने खोला खजाना आठ लाख से अधिक किसानों ने मांगा है मुआवजा फसल कृषि इनपुट अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए 12 सितंबर तक करना था आनलाइन आवेदन
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में मई महीने के आखिरी में आए यास तूफान ने 7.30 लाख हेक्टेयर में फसल को बर्बाद कर दिया था। सरकार ने इसके बाद जून में यास पीड़ित किसानों को मुआवजा देने का निर्णय किया था। इसी आधार पर कृषि विभाग ने किसानों से आवेदन मांगा था। यास पीडि़त 16 जिलों के 8.15 लाख किसानों ने कृषि विभाग को मुआवजा के लिए अर्जी दी है। मई में यास तूफान की वजह से 16 जिलों के 102 प्रखंडों के किसानों की 33 फीसदी से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा था। आपदा के शिकार इन किसानों को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है। कृषि विभाग ने क्षतिपूर्ति के लिए 27 अगस्त से 12 सितंबर तक आनलाइन आवेदन मांगे थे।
कौन-कौन जिले हुए थे प्रभावित
पटना, भोजपुर, बक्सर, अरवल, पश्चिमी चम्पारण, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, शेखपुरा, लखीसराय, खगडिया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया और कटिहार जिले की 1365 पंचायतों से 8.15 लाख आवेदन आए हैं।
ऐसे मिलेगा मुआवजा
कृषि विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति के रूप में न्यूनतम एक हजार रुपये दिए जाएंगे। असिंचित फसल क्षेत्र के लिए 6,800 रुपये, सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 , शाश्वत फसल (गन्ना आदि सहित) के लिए 18 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा। एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए ही क्षतिपूॢत राशि दी जाएगी।
किसानों को दी सहूलियत
किसानों की सहूलियत को ध्यान रखते हुए यास तूफान से हुए फसल नुकसान की भरपाई के लिए राशि का वितरण और आवेदनों की जांच साथ-साथ कराने का निर्णय लिया है। कृषि विभाग ने कोरोना के कारण जांच की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। अब किसान की खेत में तस्वीर लेना जरूरी नहीं है। इसकी जगह पर कृषि समन्वयक को शपथ पत्र देना होगा कि जांच में किसान का दावा सही पाया गया।
एडीएम की स्वीकृति के बाद मिलेगा मुआवजा
मुआवजा वितरण में तेजी लाने के लिए कृषि विभाग ने अभी से ही जिलों से आपदा प्रबंधन एडीएम की सूची मांगी है। एडीएम की मुहर के बाद ही भुगतान किया जा सकेगा। कृषि समन्वयकों को हर हाल में बीस दिन में आवेदन की जांच कर लेनी है। स्वीकृत आवेदन का वह बीस दिन के भीतर ही जिला कृषि पदाधिकारी को भेज देंगे। अगर तय समय में वह जांच नहीं करेंगे तो आवेदन खुद अग्रसारित हो जाएगा। ऐसी स्थिति में आवेदन को सही माना जाएगा।