Bihar Accident: गोपालगंज में सड़क हादसा, कार और बाइक की भीषण टक्कर में दो लोगों की मौत
सिधवलिया थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के समीप कार और बाइक की टक्कर में इस गांव के दो लोगों की मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही ग्रामीण घटनास्थल की दौड़ पड़े। गांव में अफरा-तफरी मच गई।
संवाद सूत्र, सिधवलिया (गोपालगंज)। सिधवलिया थाना क्षेत्र के रामपुर गांव के समीप कार और बाइक की टक्कर में इस गांव के दो लोगों की मौत हो गई। हादसे की जानकारी मिलते ही ग्रामीण घटनास्थल की दौड़ पड़े। गांव में अफरा-तफरी मच गई। जिस समय हादसा हुआ, उस समय गांव के अधिकांश घरों में खाना बनाने के लिए चूल्हा जल चुके थे। हादसे में दो लोगों की मौत की खबर सुनने के बाद ग्रामीणों ने अपने घरोंं के चूल्हे बुझा दिया। हादसे में मारे गए बुजुृर्ग तथा युवक के घर पर लोगों की भीड़ लग गई। स्वजनों के चित्कार से ग्रामीणोंं की आंखें भी भर आईं। पूरे गांव में मातम पसर गया। दोपहर बाद पोस्टमार्टम होने के बाद सदर अस्पताल से बुजुर्ग तथा युवक का शव गांव लाया गया। गांव से एक साथ दोनोंं की अर्थी उठी।
रामपुर गांव निवासी 25 वर्षीय रंजीत मिश्रा के बड़े भाई का प्राथमिक स्वास्थ्य केंंद्र बरौली मेंं इलाज चल रहा है। इनकी तबीयत खराब है। मंगलवार की सुबह दस बजे के आसपास 25 वर्षीय रंजीत मिश्रा अपने भाई की बरौली से दवा खरीद कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए निकले। इसकी जानकारी होने पर निवर्तमान बीडीसी सदस्य सुमन सिंह के पिता 60 वर्षीय प्रभुनाथ सिंह भी युवक के भाई को देखने के लिए बाइक पर बैठ गए। दोनों गांव के कुछ दूर गए ही थे कि तभी तेज गति से आ रही एक कार ने पीछे से बाइक को टक्कर मार दिया। इस हादसे में रंजीत मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई तथा प्रभुनाथ सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे को देखकर मौके पर पहुंचे ग्रामीण घायल बुजुर्ग को सदर अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन रास्ते मेंं ही उनकी मौत हो गई। गांव के समीप ही हादसे में दो लोगों की मौत की जानकारी मिलते ही ग्रामीण सन्न रहे गए। पूरे गांव में चीख पुकार मच गया। जिस समय हादसा हुआ, उस समय अधिकांश घरोंं में खाना बनाया जा रहा था। दो लोगोंं की मौत होने की जानकारी मिलने पर ग्रामीणों ने अपने अपने घरो के चूल्हा बुझा दिया। अपने बेटे रंजीत मिश्रा की मौत की जानकारी मिलते ही शिवझरी देवी दहाड़ मारकर बेसुध हो गईं। अपने बेटे की मौत से अखलदेव मिश्रा के आंसूू थम नहीं रहे हैं। अपने पिता प्रभुनाथ सिंह की मौत से सुमन सिंह का रो रोकर बुरा हाल है। स्वजनोंं के चित्कार से उन्हें ढांढस बांध रहे ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गईं।