एनटीपीसी रिजल्ट के लिए ट्विटर को बनाया हथियार, इंटरनेट की गलियों से बिहार में खड़ा किया बड़ा आंदोलन
पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल से शुरू हुआ उग्र आंदोलन मंगलवार को छह जिलों में फैल गया। आंदोलन को संगठित और व्यापक रूप में देने में इंटरनेट मीडिया की अहम भूमिका रही। 93 लाख युवक रिजल्ट के विरोध में चलाए जा रहे अभियान को री-ट्वीट किया।
जयशंकर बिहारी, पटना: रेलवे भर्ती बोर्ड (आरबीबी) की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणी (एनटीपीसी) परीक्षा के रिजल्ट को लेकर छात्रों का हंगामा थम नहीं रहा है। सोमवार को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल से शुरू हुआ उग्र आंदोलन मंगलवार को छह जिलों में फैल गया। आंदोलन को संगठित और व्यापक रूप में देने में इंटरनेट मीडिया की अहम भूमिका रही। 93 लाख युवक रिजल्ट के विरोध में चलाए जा रहे अभियान को री-ट्वीट किया। पटना के एक शिक्षक का रिजल्ट में गड़बड़ी का वीडियो यू-टयूब पर 40 लाख से अधिक लोगों ने देखा है। इसकी जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ पटना में 700 वाट्सएप ग्रुप चिह्नित किए गए हैं। जिसके माध्यम से छात्रों को परीक्षा और रिजल्ट की आधी-अधूरी जानकारी दी गई है। इन्हीं ग्रुप के माध्यम से छात्रों को आंदोलन वाले स्थल पर बुलाया गया। पटना के जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि कुछ कोचिंग संचालक व शिक्षकों ने छात्रों को भड़काया है। इसकी जांच की जा रही है। जांच टीम को छात्रों के भड़काने के प्रमाण मिले हैं। शिक्षकों पर भी प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई होगी।
रिजल्ट प्रक्रिया में बदलाव से टूटा धैर्य
परीक्षा संचालन से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि एनटीपीसी के रिजल्ट की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए, जिसे छात्रों को पूरी तरह से भर्ती बोर्ड और शिक्षक समझा नहीं पाए। रिजल्ट जारी किया गया तो छात्रों को लगा कि उनके साथ धोखाधड़ी हुआ है। 35 हजार से अधिक सीटों के लिए सात लाख पांच हजार रोल नंबर का रिजल्ट जारी किया, लेकिन इसमें दो लाख 84 हजार अभ्यर्थी ही शामिल हुए। छात्रों ने विरोध किया तो बोर्ड ने सीट के 20 गुना अधिक रिजल्ट का हवाला दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि 20 गुना रोल नंबर नहीं, बल्कि 20 गुना अभ्यर्थी रिजल्ट में शामिल किए जाएं। दो या अधिक स्तर पर चयन वालों को एक ही माना जाए। परीक्षा के नोटिफिकेशन के अनुसार रिजल्ट सही है, लेकिन इसकी बारीकियों को समझाया नहीं जा सका। नोटिफिकेशन में मेंस परीक्षा लेवल वाई लेवल लेने की बात कही गई है। जिसके आधार पर रिजल्ट जारी किया गया है। इस कारण कई अभ्यर्थियों का चयन पांचों लेवल के लिए हो गया है। अभ्यर्थी रिजल्ट के लिए अपनाई जा रही नार्मलाइजेशन प्रक्रिया में भी संशोधन की मांग कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों से कुछ नहीं छिपाया गया : भर्ती बोर्ड
रेलवे भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा और रिजल्ट प्रक्रिया में कुछ भी नहीं छुपाया गया है, वेबसाइट व विभिन्न माध्यमों से अभ्यर्थियों को पूरी जानकारी दी गई है। वेबसाइट पर नोटिफिकेशन अपलोड हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक छात्र का एक से अधिक बार रिजल्ट हो गया है। नोटिफिकेशन में हर लेवल के लिए अलग-अलग रिजल्ट का प्रविधान है, जिसके तहत एक परीक्षार्थी कई लेवल में सफल हुए हैं। इसमें कोई त्रुटि नहीं है। दूसरा प्रश्न विभिन्न सीटिंग में ली गई परीक्षा के अंक में अंतर हैं। किसी-किसी सीटिंग में छात्रों को अतिरिक्त अंक दे दिए गए हैं। परीक्षा में शामिल होने के लिए एक करोड़ से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इस कारण कई माह में लगभग 68 सीटिंग में परीक्षा आयोजित की गई। रिजल्ट साइंटिफिक मैथेमेटिकल फार्मूला (नार्मलाइजेशन) के आधार पर जारी किया जाता है। कई सीटिंग में आयोजित परीक्षा का रिजल्ट सभी बोर्ड नार्मलाइजेशन के आधार पर जारी करता है।