बिहार में हड़ताल से लौटे नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत, दर्ज FIR को वापस लेगी सरकार
बिहार में हाल ही हड़ताल से वापस लौटने वाले नियोजित शिक्षकों को सरकार ने एक और बड़ी राहत दी है। हड़ताल की अवधि में तोड़फोड़ व हंगामे को लेकर दर्ज हुई प्राथमिकी वापस होगी।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में हाल ही हड़ताल से वापस लौटने वाले नियोजित शिक्षकों को सरकार ने एक और बड़ी राहत दी है। हड़ताल की अवधि में तोड़फोड़ व हंगामे को लेकर दर्ज हुई प्राथमिकी वापस होगी। इसके पहले हड़ताल अवधि का वेतन बिना कटौती के देने की भी घोषणा की गई थी। कहा गया था कि हड़ताल अवधि का वेतन नहीं कटेगा। शुक्रवार को प्राथमिकी वापस लेने की घोषणा से नियोजित शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है।
बिहार सरकार ने शुक्रवार को 32 हजार नियोजित शिक्षकों पर दायर प्राथमिकी को वापस लेने का आदेश सभी जिलाधिकारियों को दिया है। ये वो शिक्षक हैं, जिनके विरुद्ध हड़ताल अवधि में तोडफ़ोड़ और हिंसा करने का आरोप लगा था। जब पिछले 4 मई को शिक्षक संगठनों ने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की थी, तब सरकार के सामने शिक्षकों पर दर्ज एफआइआर को वापस लेने की मांग सरकार से की थी।
शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने विभागीय स्तर पर शिक्षकों पर दर्ज प्राथमिकी की समीक्षा की और शिक्षकों पर दायर प्राथमिकी को वापस लेने की स्वीकृति दी। इसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सभी जिलाधिकारियों को प्राथमिकी वापस लेने का आदेश दिया।
आरके महाजन के मुताबिक जिलाधिकारी के माध्यम से लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक द्वारा संबंधित न्यायालय से सीआरपीसी 1973 की धारा-321 के तहत केस वापस लेने को कहा गया है।
बता दें कि फरवरी में नियोजित शिक्ष्काें ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर गए थे। इस दौरान हड़ताल पर गए शिक्षकों ने मैट्रिक परीक्षा से खुद को अलग रखा। मूल्यांकन कार्यों में उन्होंने शिरकत नहीं की। इस दौरान शिक्षकों पर हड़ताल अवधि में हिंसा फैलाने व तोड़फोड़ करने का आरोप भी लगा। सरकार के निर्देश पर शिक्षा विभाग की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बाद में सीएम नीतीश कुमार की पहल पर चार मई को शिक्षकों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली।