आखिर आतंकियों की सबसे पसंदीदा जगह क्यों है बिहार, जानिए कनेक्शन
मुंबई के माफिया डॉन मोस्टवांटेड अपराधी एजाज लकड़ावाला पटना से गिरफ्तार किया गया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि बिहार आतंकिों के लिए सेफ जोन क्यों है?
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार पुलिस की मदद से मुंबई पुलिस ने मोस्ट वांटेड माफिया डॉन एजाज लकड़वाला की पटना में गिरफ्तारी कर एक बार फिर ये सवाल उभरकर सामने आ गया है कि क्या बिहार मोस्ट वांटेड अपराधियों और आतंकियों सेफ जोन बना हुआ हैं।
खुफिया विभाग के जानकारों के अनुसार आतंकवादी-अपराधी अपना हित साधने के लिए मुस्लिमों की घनी आबादी वाले इलाकों को ही चुनते हैं जो कि मिथिलांचल और सीमांचल के इलाके में सहजता से उपलब्ध हैं। यहां से नेपाल और बांग्लादेश भाग जाना आसान होता हैं।
बिहार लंबे समय से आतंकियों के लिए पनाहगार बना रहा है। इसकी एक बड़ी वजह है कि बिहार के कई जिले अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े हुए हैं और इसी कारण आतंकी अरसे से यहां पनाह लेते रहे हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में कई बार यह पर्दाफाश भी हो चुका हैं।
खासकर बिहार के मिथिलांचल और सीमांचल के जिलों को आतंकी ज्यादा मुफीद मानकर ठिकाना बनाते हैं। इसके पीछे वजह यह है कि दोनों क्षेत्र नेपाल और बांग्लादेश सीमा के करीब हैं। अहम यह है कि अभी तक आंतकियों की सर्वाधिक गिरफ्तारियां भी इन्हीं दोनों क्षेत्रों से हुई हैं।
बिहार से अब तक गिरफ्तार हुए आतंकी
वर्ष 2000 में सीतामढ़ी जिले से पहली बार दो आतंकियों को दबोचा गया था। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य मकबूल और जहीर की गिरफ्तारी के बाद से अब तक कई आतंकी बिहार में गिरफ्तार हो चुके हैं।
वर्ष 2006 से आतंकी बिहार में दोबारा सक्रिय हुए और धीरे-धीरे सीमांचल और मिथिलांचल से लगातार आतंकियों के तार जुड़ते रहे और कई गिरफ्तारियां हुईं। 20 जुलाई, 2006- मुंबई एटीएस ने मधुबनी के बासोपट्टी बाजार से मो. कमाल को मुंबई लोकल ट्रेन धमाके के आरोप में गिरफ्तार किया था।
-02 जनवरी, 2008- रामपुर (यूपी) सीआरपीएफ कैंप में हुए विस्फोट मामले में मधुबनी के सकरी के गंधवारी गांव से 2 जनवरी, 2008 को सबाऊद्दीन को गिरफ्तार किया था।
-वर्ष 2009 में दिल्ली ब्लास्ट मामले में मधुबनी के बासोपट्टी के बलकटवा से मदनी की गिरफ्तारी हुई थी।
-26 नवंबर, 2011- दिल्ली पुलिस ने मधुबनी के सिंघानिया चौक व सकरी के दरबार टोला से अफजल व गुल अहमद जमाली को दबोचा था।
-19 नवंबर, 2011- दरभंगा के केवटी स्थित बाढ़ समैला के कतील सिद्दीकी उर्फ साजन की दिल्ली में गिरफ्तारी हुई थी।
-12 जनवरी, 2012- दरभंगा के जाले थाना के देवड़ा बंधौली गांव निवासी नदीम और नक्की को गिरफ्तार किया गया था। दोनों की निशानदेही पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल मिली थी।
-21 फरवरी 2012- एटीएस ने शिवधारा से साइकिल मिस्त्री कफील अहमद को पकड़ा था। उसे आइएम का मेंटर बताया गया था।
-06 जनवरी, 2012- केवटी थाने के समैला गांव से कर्नाटक पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मो. कफील अख्तर को गिरफ्तार किया था। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम विस्फोट में उसकी संलिप्तता सामने आई थी।
-13 मई, 2012- सऊदी अरब में केवटी के बाढ़ समैला गांव के फसीह महमूद को भारतीय सुरक्षा एजेंसी ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से पकड़ा था।
-21 जनवरी 2013- लहेरियासराय थाने के चकजोहरा मोहल्ला से मो. दानिश अंसारी को कथित आतंकी हमले की साजिश में गिरफ्तार किया गया था। दोनों आइएम सरगना यासीन भटकल के गुर्गे हैं।
29 अगस्त, 2013- इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को पूर्वी चंपारण से लगे नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया।
-15 सितंबर, 2017- गया में आतंकी तौसीफ खान उर्फ तौफीक को दबोचा गया था। तौसीफ वर्ष 2008 में हुए अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपित हैं।
-11 अगस्त, 2018- गया शहर के कोतवाली व सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के मारूफगंज नाला गली तीन आतंकी को दबोचा गया था। मुन्ना मिस्त्री, मो. सम्मी और मो. शाद को दबोचा था।
-अगस्त, 2019- गया से कोलकाता एटीएस ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। वह पश्चिम बंगाल के बद्र्धवान विस्फोट का आरोपी था।
एडीजी, विधि व्यवस्था, अमित कुमार ने कहा-
-मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद मांगी थी। जक्कनपुर इलाके से एजाज लकड़वाला को बुधवार को गिरफ्तार किया था। पटना में गिरफ्तारी संबंधित औपचारिकता पूरी करने के बाद मुंबई पुलिस एजाज को लेकर लौट गई।
- अमित कुमार, एडीजी विधि-व्यवस्था व पुलिस मुख्यालय