बिहार : CM नीतीश व उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ी खबर, होली के पहले साथ आ सकते हैं JDU व RLSP
बिहार की राजनीति से जुड़ी यह बड़ी खबर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनके विरोधी रहे उपेंद्र कुशवाहा अब एक छत के नीचे आने वाले हैं। होली के पहले आरएलएसपी व जेडीयू एक साथ आ सकते हैं। आरएलएसपी का जेडीयू में विलय भी हो सकता है।
पटना, दीनानाथ साहनी। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) का जनता दल यूनाइटेड (JDU) में विलय या एलायंस कब होगा, इसकी घोषणा जल्द उपेंद्र कुशवाहा कर सकते हैं। फिलहाल, वे अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अंतिम रूप से सलाह-मशविरा में जुटे हैं। जेडीयू के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह ने फिर दावा किया है कि आरएलएसपी का जेडीयू में विलय संभव है। उपेंद्र कुशवाहा से लगातार बातचीत चल रही है। इससे राजनीतिक गलियारे में आरएलएसपी के जेडीयू में विलय की चर्चा तेज हो गई है। इसपर उपेंद्र कुशवाहा अभी बोलने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि, उनके कुछ करीबी नेताओं से बताया कि इसपर कुशवाहा ही अंतिम फैसला करेंगे। सबकुछ जल्द स्पष्ट हो जाएगा।
कुशवाहा को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी
पिछले साल बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की अगुआई वाली पार्टी जेडीयू खुद को मजबूत करने की कोशिश में जुटी है। जेडीयू 'लव-कुश' समीकरण (Lav-Kush Equation) को साधने के हर संभव प्रयास में है। यदि उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू में जाते हैं तो उसे एक बड़ा कुशवाहा बिरादरी को नेता मिल जाएगा। फिलहाल उनके कद का कोई नेता जेडीयू में नहीं है। आरएलएसपी के वरिष्ठ नेताओं को भी यह संकेत दे दिया गया है कि होली से पहले नई पारी के साथ होली खेलने के लिए तैयार रहें। उम्मीद की जा रही है कि दो सप्ताह के अंदर यह विलय संपन्न हो जाएगा। आरएलएसपी के एक बड़े नेता ने बताया कि उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू में बड़ी जिम्मेदारी के साथ कोई बड़ा रोल मिल सकता है। यहां बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बशिष्ठ नारायण सिंह से कई मुलाकातें हो चुकी हैं।
उपेंद्र कुशवाहा करेंगे अंतिम फैसला
इस संबंध में आरएलएसपी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद ने सधा बयान दिया है। उन्होंने जेडीयू में आरएलएसपी के विलय पर कहा कि इस बाबत राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा फैसला करेंगे। राजनीति में कुछ भी संभव है। अगर जेडीयू में विलय का फैसला होता है तो इसके पहले आरएलएसपी को कुछ संवैधानिक प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी।