Move to Jagran APP

केके पाठक ने संभाली बिहार में शराबबंदी की कमान, CM नीतीश की बैठक के बाद जारी हुई थी अधिसूचना

उत्पाद विभाग की जिम्मेदारी वापस केके पाठक को सौंपी गई है। उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद अपर मुख्य सचिव के पद का दायित्व सौंपा गया है। राज्य में शराबबंदी पर उठते सवाल के बीच उन्‍होंने गुरुवार को पदभार ग्रहण कर लिया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 17 Nov 2021 07:49 PM (IST)Updated: Thu, 18 Nov 2021 02:06 PM (IST)
केके पाठक ने संभाली बिहार में शराबबंदी की कमान, CM नीतीश की बैठक के बाद जारी हुई थी अधिसूचना
बिहार सीएम नीतीश कुमार और अपर मुख्य सचिव केके पाठक। जागरण।

राज्य ब्यूरो, पटना : शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मैराथन बैठक के अगले ही दिन बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे भारतीय प्रशासनिक सेवा के तेज तर्रार और कड़क अधिकारी केके पाठक को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव की जवाबदेही दी गई है। अभी तक यह पद गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के पास था। वे मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अतिरिक्त प्रभार में थे। अब उन्हें इससे मुक्त कर दिया गया है। गुरुवार दोपहर केके पाठक ने पदभार भी ग्रहण कर लिया। मंत्री सुनील कुमार की मौजूदगी में उन्‍होंने चैतन्‍य प्रसाद से प्रभार लिया।  

loksabha election banner

यह भी पढ़ें- केके पाठक को शराबबंदी की कमान सौंपने पर सियासत शुरू, विपक्ष ने पूछा-सक्षम थे तो हटाया क्‍यों था

केके पाठक 1990 बैच के सीनियर आइएएस अधिकारी हैं। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे। इसके पहले भी केके पाठक मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की कमान संभाल चुके हैं। वर्ष 2016 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में शराबबंदी कानून को लागू करने का फैसला लिया था तब केके पाठक को विशेष तौर पर इस विभाग की जिम्मेवारी दी गई थी। पाठक ने अपने कार्यकाल में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराया था, बल्कि शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चर्चा में भी आए थे। इसके अलावा वह बियाडा, गृह, पथ निर्माण, लघु जल संसाधन समेत जिस विभाग में रहे हैं, वहां अपने कामकाज से चर्चा बटोरी है। 

केके पाठक की वापसी बड़ा संदेश

राज्य सरकार केके पाठक की विभाग में वापसी कर बड़ा संदेश देना चाह रही है। मुख्यमंत्री जिस तरह शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की इच्छा जता चुके हैं, उसमें केके पाठक जैसे कड़क अफसर बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। विभाग में केके पाठक की वापसी के बाद नीचे के अफसरों में भी खूब चर्चा हो रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इनके आने के बाद सुस्त और लापरवाह अफसरों पर पहले कार्रवाई होगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.