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भोजपुर में पुलिस कस्टडी में महिला के फांसी लगाने के मामले में पीरो थानाध्यक्ष सहित दो निलंबित

पुलिस की कस्टडी में महिला की संदेहास्पद मौत के मामले में अंततः अफसरों पर गाज गिरी। पीरो डीएसपी अशोक कुमार आजाद की जांच रिपोर्ट के आधार पर भोजपुर एसपी विनय तिवारी ने पीरो थानाध्यक्ष अशोक चौधरी और ओडी पदाधिकारी दारोगा हेब्रम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 03:16 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 03:16 PM (IST)
भोजपुर में पुलिस कस्टडी में महिला के फांसी लगाने के मामले में पीरो थानाध्यक्ष सहित दो निलंबित
भोजपुर में पुलिस कस्टडी में महिला की मौत के मामले में कार्रवाई की गई है। सांकेतिक तस्वीर।

जागरण टीम, आरा। भोजपुर जिले के पीरो थाना पुलिस की कस्टडी में रविवार को महिला शोभा देवी की संदेहास्पद मौत के मामले में अंततः अफसरों पर भी विभागीय कार्रवाई की गाज गिर गई। पीरो डीएसपी अशोक कुमार आजाद की जांच रिपोर्ट के आधार पर भोजपुर एसपी विनय तिवारी ने पीरो थानाध्यक्ष अशोक चौधरी और ओडी पदाधिकारी दारोगा हेब्रम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इससे पूर्व तीन महिला सिपाहियों नैना, प्रियंका व खुशबू को निलंबित किया गया था। अफसरों पर हत्या के मामले में लाई गई महिला को चौबीस घंटे से अधिक चार दिनों तक थाने में बंद कर रखने और लापरवाही बरते जाने का गंभीर आरोप है।

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एक दिन पहले थाने के शौचालय से मिला था शव

आपको बता दें कि रविवार की सुबह करीब आठ बजे पीरो थाना परिसर स्थित दो मंजिल क्वार्टर स्थित महिला आवास के शौचालय से मोथी गांव निवासी मुन्ना प्रसाद की पत्नी शोभा देवी का शव मिला था। महिला ने गले में गमछा बांधकर खुदकुशी कर ली थी। घटना के बाद  शिव सेना के कार्यकर्ताओं एवं मृतका के स्वजनों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया था। स्वजनों द्वारा पीरो थानाध्यक्ष सहित दोषी पुलिसकर्मियों को तत्कालीन निलंबित करने की मांग की गई थी। एसपी ने तत्कालीन पीरों डीएसपी को 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया था । 

चार दिनों से बंद कर रखा था थाने में

पुलिस हिरासत में मरी  महिला शोभा देवी को पुलिस ने गत आठ सितंबर को ही हिरासत में लिया था। इस दौरान चार-पांच दिनों तक उसे पीरो थाना परिसर स्थित एक महिला सिपाही के क्वार्टर में रखकर पूछताछ की जा रही थी। ये सब नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा था। नियमानुसार किसी भी संदिग्ध या आरोपित को पुलिस 24 घंटे से अधिक समय तक अपने हिरासत में नहीं रख सकती है। हिरासत में लिए गए व्यक्ति को 24 घंटे के अंदर न्यायालय में पेश किए जाने का प्रावधान है लेकिन यहां ऐसे मामलों में पुलिस की मनमर्जी चलती है। 

शोभा देवी के अलावे पांच अन्य लोग भी रखे गए हैं हिरासत में 

पीरो थानान्तर्गत मोथी गांव निवासी ग्रामीण चिकित्सक मंतोष कुमार आर्य की हत्या के मामले में स्थानीय पुलिस ने शोभा देवी के अलावे उसके बेटे नीतू कुमार उर्फ प्रकाश व उक्त हत्याकांड के नामजद अभियुक्त रजेयां गांव निवासी वीरेन्द्र राम को भी आठ सितंबर से ही हिरासत में रखा गया था। जबकि मृतक मंतोष कुमार के तीन चचेरे भाइयों मंजय कुमार, अरविंद कुमार व नीरज कुमार को संदेह के आधार पर पुलिस ने नौ सितंबर को मोथी गांव स्थित उनके घर से पुलिस ने उठाया था। ये तीनों युवक भी चार दिन से पुलिस की हिरासत में हैं ।

दूसरे दिन भी थाना के समक्ष विरोध प्रदर्शन

दूसरी ओर इस घटना के बाद पीरो के चंद्रवंशी समाज के लोगों का आक्रोश सोमवार को दूसरे दिन भड़क उठा।जिसके बाद उन्होंने अपने हाथ में तख्ती लेकर पीरो पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए जुलूस निकाला। अफसरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर थाना के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया।


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