बिहार: पटना में सड़क पर मौत बांटता रहा ट्रक, 14 लोगों को रौंद डाला, तीन की दर्दनाक मौत
पटना में एक अनियंत्रित ट्रक ने 14 लोगों को रौंद डाला जिसमें तीन की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई वहीं 11 लोग घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जागरण टीम, पटना। राजधानी के न्यू बाईपास पर गुरुवार की शाम सरिस्ताबाद से जगनपुरा तक बेकाबू ट्रक मौत बांटता रहा। 20 मिनट तक उसकी जद में जो भी आया, उसे रौंदता हुआ वह आगे बढ़ता गया। इस दौरान स्थानीय लोग हंगामा करते रहे। पुलिस की कई टीमें भी पीछा करती रहीं, मगर ट्रक चालक भागता रहा। जगनपुरा के पास पुलिया में टकराने की वजह से ट्रक थमा और बाकी लोगों की जान बच गई। ये तो शुक्र था कि लॉकडाउन की वजह से सड़कें सूनी थी, वरना हादसे में और भी जानें जा सकती थीं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करीब तीन बजकर पचास मिनट पर 70 फीट के पास सरिस्ताबाद में एक स्कॉर्पियो (बीआर01-5104) बाईपास पर चढ़ रही थी। इसी बीच बेउर चेक पोस्ट के पास से ट्रक संख्या जेएच 02- 9955 ने उसे टक्कर मार दी। चालक ने ट्रक रोकने के बजाय उसकी रफ्तार बढ़ा दी। इसके बाद ट्रक ने सिपारा पुल बस स्टैंड और रामकृष्ण नगर के बीच फल वाले को ठोकर मार दी। फिर ई-रिक्शा को धक्का मारा, इसमें कई लोग सवार थे। साइकिल से जा रहे शख्स को रौंद दिया।
बाल-बाल बची कंकड़बाग थाने की पुलिस
इसके बाद करीब चार बजकर 10 मिनट पर जगनपुरा के पास पुलिस की जिप्सी में टक्कर मारते हुए ट्रक ने पैदल जा रहे युवक को कुचल दिया। हादसे से थोड़ी दूर ही कंकड़बाग थानाध्यक्ष और अन्य पुलिसकर्मी खड़े थे जो बाल-बाल बच बए। पुलिस ने जब उसका पीछा शुरू किया तो ट्रक पुल के अंडर पास के डिवाइडर पर चढ़ गई। चालक भी अपनी सीट पर फंस गया। वह घायल हो गया था।
एक दर्जन लोगों ने भागकर बचाई जान
सिटी एसपी जितेंद्र कुमार की पूछताछ में ट्रक चालक ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वह बेउर में फंसा था। शाम को सड़क खाली देख ट्रक लेकर निकल गया था। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ट्रक की गति काफी तेज थी और लहराते हुए कई जगह डिवाइडर में भी टक्कर मारी है। कई बार ट्रक पलटने से बचा। करीब एक दर्जन लोगों ने दूर से ही ट्रक को देख इधर-उधर भागकर जान बचाई।
किराना का सामान खरीदने जा रहा था सुरेंद्र
ट्रक की चपेट में आने से सुरेन्द्र प्रसाद की मौत हो गई। वह घर से किराना का कुछ सामान लाने के लिए निकले थे। रामकृष्णा नगर के भगत सिंह चौक निवासी सुरेंद्र एक ही कमरे में पत्नी पिंकी देवी, बेटा निशांत, सुशांत और बेटी, खुशी कुमारी के साथ रहते थे। सुरेंद्र गैराज में काम करते हैं। गैराज बंद होने की वजह से वह परेशान थे। कई दिनों के बाद वह किराना का सामान लेने निकले थे। शाम में घर पर मौत की खबर मिलने के बाद पूरे मोहल्ले में मातम छा गया।