पटना में जनशताब्दी एक्सप्रेस व कार की भीषण टक्कर, हादसे में इंजीनियर दंपती व बेटे की दर्दनाक मौत
पटना में रेलवे ट्रैक पर फंसी बोलेरो से ट्रेन टकरा गई। फिर जो भयानक हादसा हुआ उसमें दिल्ली में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर दंपती व उनके मासूम बेटे की दर्दनाक मौत हो गई।
पटना, जेएनएन। Bihar Accident News: बिहार में शनिवार की सुबह बड़ा हादसा (Accident) हुआ है। पटना के पुनपुन के पास जनशताब्दी एक्सप्रेस (Jan Shatabdi Expess) व कार के टकरा जाने से एक इंजीनियर दंपती व उनके पांच साल के बेटे की घटना-स्थल पर ही मौत (On Spot Death) हो गई। कार में तीन लोग ही सवार थे। घटना-स्थल पुनपुन स्टेशन से पांच किमी और पटना जंक्शन से करीब 20 किमी दूर है।
ट्रैक पर कार से टकराई जनशताब्दी एक्सप्रेस
जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह एक कार एक अवैध रेलवे क्रॉसिंग पार करते वक्त पटरी पर ही फंस गई। इसी बीच पटना से रांची जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस आ गई। ट्रेन के चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाई, लेकिन दुर्घटना हो ही गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर के बाद जोर धमाके की आवाज दूर गांव तक गई। गाड़ी का पिछला हिस्सा उड़कर पास की झाड़ियों में जा गिरा।
हादसे के बाद पहुंचे लोग, हो चुकी थी मौत
ट्रेन के कार से टकराने पर भयानक आवाज हुई। इस दौरान ट्रेन भी पूरी तरह हिल गई। आवाज सुन आसपास के लोग दौड़े। उन्होंने कार में देखा तो तीन की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे दंपती
हादसे की शिकार गाड़ी दिल्ली में निबंधित है। गाड़ी पर सवार सुरेन्द्र बिहारी सिंह (42 वर्ष) व निलिका बिहारी सिंह (35 वर्ष) के साथ उनके मासूम बेटे प्रणीत कुमार (पांच वर्ष) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। यह परिवार पटना के बोरिंग रोड का रहने वाला था। पुनपुन के धरहरा गांव में सुमित की ससुराल है। वे अहले सुबह परिवार के साथ बोरिंग रोड से ससुराल जा रहे थे कि हादसा हो गया। स्वजनों ने बताया कि दोनों पति पत्नी नोएडा में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। तारेगना जीआरपी प्रभारी सुरेश राम ने बताया कि कार मे तीन लोग ही सवार थे। कार संरेंद्र बिहारी सिंह चला रहे थे।
घटना स्थल पर लोगों ने बनाया था अवैध रास्ता
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार ने बताया कि नदवा स्टेशन के पास हादसा हुआ है। रेलवे ट्रैक पर अचानक आई कार से ट्रेन की टक्कर हुई है। उनके अनुसार जहां दुर्घटना हुई है, वहां कोई रेलवे फाटक नहीं है। वहां ग्रामीणों ने अपने स्तर से रास्ता बना दिया था, जिसे हादसे के बाद पहुंची रेलवे की टीम ने बंद कर दिया। जेसीबी से रास्ते की खुदाई कर रास्ता बाधित कर दिया गया।