Move to Jagran APP

भीम आर्मी के जिलाध्‍यक्ष से पुलिस ने कराई उठक-बैठक, बक्‍सर में दारोगा पर केस दर्ज कराने के लिए अड़े

भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष को लॉकडाउन तोड़ने पर ऑन द स्‍पॉट सजा देने वाली पुलिस मुश्किल में पड़ गई है। नेताजी अब संबंधित दारोगा पर मुकदमा दर्ज करने पर अड़ गए हैं। उनका कहना है कि परिचय देने के बाद भी दारोगा ने सार्वजनिक जगह पर उनसे उठक-बैठक कराई।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 07:09 PM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 07:09 PM (IST)
भीम आर्मी के जिलाध्‍यक्ष से पुलिस ने कराई उठक-बैठक, बक्‍सर में दारोगा पर केस दर्ज कराने के लिए अड़े
बिहार में लॉकडाउन तोड़ने वालों को इस तरह दंडित कर रही पुलिस। फाइल फोटो

बक्सर, जागरण संवाददाता। Buxar News: बक्‍सर जिले में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष को लॉकडाउन तोड़ने पर ऑन द स्‍पॉट सजा देने वाली पुलिस मुश्किल में पड़ गई है। नेताजी अब संबंधित दारोगा पर मुकदमा दर्ज करने पर अड़ गए हैं। उनका कहना है कि परिचय देने के बाद भी पुलिस ने उनकी कद्र नहीं की और दारोगा ने सार्वजनिक जगह पर उनसे उठक-बैठक कराई। भीम आर्मी के जिलाध्‍यक्ष अनिल कुमार राम ने अनुसूचित जाति- जनजाति थाने में आवेदन देकर दारोगा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध किया है।

loksabha election banner

कलेक्‍ट्रेट रोड स्थित कार्यालय से लौटने के दौरान हुई घटना

अनिल का कहना है कि, वह शनिवार की शाम तकरीबन 6:30 बजे समाहरणालय रोड स्थित पार्टी कार्यालय से निकलकर ज्योति प्रकाश चौक की तरफ दवा लेने के लिए जा रहे थे। जैसे ही वह अंबेडकर चौक पर पहुंचे, नगर थाने में पदस्थापित एसआई सुभाष चंद्र प्रसाद ने उन्हें रोका और मास्क नहीं पहने होने के कारण उनसे उठक-बैठक कराई। इतना ही नहीं उन्होंने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर गालियां भी दी जबकि, अनिल ने उन्हें यह बताया था कि वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं तथा दवा लेने के लिए जा रहे हैं।

कई अधिकारियों को आवेदन देकर लगाई न्‍याय की गुहार

अनिल ने कहा कि अपना परिचय देने के बावजूद एस.आई. के द्वारा उनके साथ अभद्रता की गई जबकि, उन्होंने स्वयं मास्क नहीं पहना था। ऐसे में उन्होंने मामले को लेकर दारोगा के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुरोध किया है। मामले को लेकर उन्होंने बिहार सरकार के पुलिस महानिरीक्षक, शाहाबाद क्षेत्र के पुलिस उप निरीक्षक, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी को भी आवेदन की प्रति भेज न्याय की गुहार लगाई है। बहरहाल यह पूरा प्रकरण वैसे लोगों के लिए सबक है, जो लॉकडाउन में बेवजह सड़क पर निकल कर घूमना अपनी शान समझ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.