Move to Jagran APP

पुरुष की कमर की साइज 34 से ज्यादा व महिलाओं की 36 से ज्यादा तो हो जाइए सावधान ! ऐसे में हर्ट डिजिज का खतरा अधिक

कमर की साइज के अलावा तोंद बढ़ना भी हर्ट अटैक का संकेत देता है। इसके अलावा बीपी भी साइलेंट किलर है। यह हैरान करनेवाली बातें नहीं बल्कि सच है। यह बातें पटना स्थित आइजीआइएमएस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्‍ट डॉ. नीरव कुमार ने बताया। आप भी जाने बचाव के उपाएं ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 01:26 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 01:26 PM (IST)
पुरुष की कमर की साइज 34 से ज्यादा व महिलाओं की 36 से ज्यादा तो हो जाइए सावधान ! ऐसे में हर्ट डिजिज का खतरा अधिक
जानें हर्ट अटैक के लक्ष्‍ण और बचाव, सांकेतिक तस्‍वीर ।

पटना, जागरण संवाददाता।  तोंद बढ़ना (मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम) भी हर्ट अटैक का संकेत देता है। यदि आप डायबिटिक है और तोंद बढ़ा है तो यह और ज्यादा खतरनाक है। इसके अलावा पुरुष में यदि कमर की साइज 34 से ज्यादा है और महिलाओं में यह 36 से ज्यादा है तो हर्ट डिजिज का खतरा अधिक हो जाता है। यह बातें रविवार को दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम 'हैलो डॉक्टर' में पहुंचे इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस 'आइजीआइएमएस' के कॉर्डियोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. नीरव कुमार ने कहीं।  उन्होंन कहा कि वर्तमान समय में खेल के मैदान, पार्क आदि कम हो गए है। शारीरिक भाग-दौड़ कम हो गई है। क्रिकेट, कब्बडी, बैडमिंटन, दौड़ना-खेलना आदि बच्चों में भी कम हो गई है। सामान्य लोगों में भी जंक-फूड, फास्टफूड, घी  की बनी चीजें, रिमोट का उपयोग, सिगरेट पीना आदि आदतें बढ़ गई हैं। यह काफी खतरनाक है।

loksabha election banner

बैड कॉलेस्ट्राल खतरनाक

डॉ नीरव ने बताया कि जंकफूड के सेवन से बैड कोलेस्ट्रोल बढ़ जाता है। इसके कारण गुड कोलेस्ट्रॉल घटने लगता है। इसके कारण बीपी की परेशानी होती है।

बीपी है साइलेंट किलर

डॉ नीरव ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर 'बीपी' साइंलेंट किलर है। यह धीरे-धीरे हमारे शरीर के विभिन्न ऑर्गन को डैमेज करता है। आंखों की रोशनी खत्म करने से लेकर किडनी को भी प्रभावित करती है। वर्तमान समय में हर एक हजार मरीजों में 14-16 मरीजों की मौत हर्ट अटैक से होती है। देश में हर्ट अटैक का मामला 40-50 वर्ष की उम्र में अधिक होती है, लेकिन बिहार में यह 30-40 उम्र में अधिक हो रहा है। इसके पीछे कई वजह है जो हमें हर्ट अटैक की ओर से लें जाता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को एक वर्ष में एक बार रूटीन चेकअप जरूर कराना चाहिए। यदि इसमें बीपी बढ़ा हुआ मिले तो हर 15 दिनों में एक बार जांच कराना चाहिए। इसके बाद डॉक्टर से मिलकर दवा नियमित लेनी चाहिए। वर्तमान समय में लाइफस्टाइल में बदलाव ही हर्ट की बीमारियों को बढ़ा दिया है।

सिंगल फैमिली, वेस्टर्न डायट, पिज्जा, बर्गर, जंक फूड कोरोनरी हर्ट डिजिज को बढ़ा रहे है। ऐसे में बचाव जरूरी है। इन सभी चीजों से परहेज करें।

हृदय बीमारियों का लक्षण

चलने में सीने में भारीपन महसूस होना।

अचानक चलते समय सांस फूलना।

बैठे-बैठे अचानक तेज दर्द होना।

अचानक पसीना, घबराहट, चक्कर आना।

बायां हाथ साइड भारीपन।

एकाएक सांस फूलना।

अत्यधिक कमजोरी होना।बचाव

हर दिन नियमित रूप से 40 मिनट व्यायाम

जंग-फूड, फास्टफूड का उपयोग नहीं करना।

हर दिन पैदल 30 मिनट तक टहलना

बीपी-शुगर की यदि दवा लेते है तो उसका नियमित सेवन

तले-मसालेदार भोजन से परहेज।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.