शराब तस्कर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर टूट पड़े बराती, ASI समेत आधा दर्जन जवान जख्मी
तीन साल से फरार शराब तस्कर करीमन को गिरफ्तार करने गई बिक्रम थाने की पुलिस टीम पर लोगों ने हमला बोल दिया जिसमें एएसआइ जयप्रकाश सिंह समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पटना, जेएनएन। बिहार की राजधानी पटना में शराब तस्कर को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ है। मामला बिक्रम के बेनीबीघा गांव का है। मंगलवार की देर रात तीन साल से फरार शराब तस्कर करीमन को गिरफ्तार करने गई बिक्रम थाने की पुलिस टीम पर लोगों ने हमला बोल दिया, जिसमें एएसआइ जयप्रकाश सिंह समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमले के बीच करीमन पुलिस की गिरफ्त से भागने में कामयाब रहा। सूचना मिलते ही डीएसपी मनोज कुमार पांडेय के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। भारी संख्या में पुलिस बल को देखकर उपद्रवी भाग निकले।
पुलिस ने आसपास के घरों में छापेमारी करने की कोशिश की, लेकिन तनाव का माहौल देखकर कार्रवाई रोक दी गई। करीमन के घर की तलाशी में 837 बोतल विदेशी शराब और चार किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। डीएसपी मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि पुलिस पर हमला करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जा रही है। आरोपित जल्द गिरफ्तार होंगे।
घर से ही कर रहा था शराब का धंधा
मद्य निषेध कोषांग के आइजी अमृत राज की सख्ती के बाद राज्यभर की पुलिस शराब तस्करों पर कार्रवाई के लिए सक्रिय हो गई। इसी क्रम में बिक्रम थाने में दर्ज 2017 के मामले में फरार अभियुक्त करीमन की गिरफ्तारी के लिए एएसआइ जेपी सिंह को दलबल के साथ भेजा गया था। सूत्रों की मानें तो प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद करीमन घर में आराम से शराब का धंधा चला रहा था। स्थानीय लोगों की मानें तो आसपास के कई थानों से उसकी साठ-गांठ थी। कई पुलिसकर्मी भी उसके घर आते-जाते दिखते थे। शराब की बड़ी खेप आराम से उसके घर तक पहुंचती थी और लड़कों की मदद से वह होम डिलीवरी करवाता था।
पहुंची पालीगंज अनुमंडल की पुलिस
हालात बेकाबू होने पर छापेमारी दल में शामिल एक सिपाही ने वायरलेस से कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद डीएसपी समेत पालीगंज, बिक्रम, दुल्हिनबाजार, सिगोड़ी और रानी तालाब थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। आरोप है कि हमलावरों ने एएसआइ की पिस्तौल छीनने की कोशिश की और मैगजीन को क्षतिग्रस्त कर दिया। सिपाही संतोष यादव को गंभीर चोटें आई हैं।
पुलिस पर लगाया आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिसकर्मी बेवजह घर में घुसकर तोड़फोड़ कर रहे थे। लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे, जिसके कारण भीड़ ने हिंसक रूप लिया। वहीं, थानाध्यक्ष ऋतुराज ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर करीमन के घर कार्रवाई की गई थी।
चिल्लाने लगा करीमन तो पहुंच गए शादी में आए लोग
गिरफ्त में आते ही करीमन बचाओ, बचाओ चिल्लाने लगा। शोर सुनकर उसके मकान के ठीक बगल में चल रहे शादी समारोह में आए लोग दौड़ गए। जिसको जो मिला, उसी से पुलिसकर्मियों की पिटाई शुरू कर दी। पुलिसकर्मी जबरन करीमन को लेकर जाने लगे। उसे यकीन नहीं था कि पुलिस गिरफ्तार करने आई है, इसलिए वह पुलिस को देखकर भागा नहीं था। जब उसे मालूम हुआ कि वे उसे पकड़ने आए हैं, तब वह शोर मचाने लगा।