दूल्हा, बाराती सहित पंडितजी भी भेजे गये जेल, जानिए मामला
औरंगाबाद जिले के बेलौटी गांव में बुधवार को दो नाबालिग लड़कियों को पुलिस ने बालिका वधू बनाने से से बचा लिया। बाल विवाह के खिलाफ चल रहे अभियान पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है।
पटना [जेएनएन]। औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रख्ंड में दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुप्रथा पर रोक के आह्वान के बाद इसका असर दिखने लगा है। नवीनगर प्रखंड स्थित खैरा थानाक्षेत्र में पड़ने वाला बेलौटी गांव में एक साथ दो अलग-अलग घरों में तीन बेटियों की शादी करायी जा रही थी, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी।इसकी सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई की है।
बाल विवाह की जिद पर अड़े लड़की के पिता, पंडित, दूल्हा और दूल्हे के संबंधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार, बुधवार को बेलौटी गांव में राजकिशोर राम अपनी 16 वर्षीया बेटी पम्मी कुमारी, बेलौटी टोले जानकीपुर निवासी उपेंद्र पासवान अपनी 17 वर्षीया बेटी कविता कुमारी और संगीता कुमारी की शादी की तैयारी में जुटे हुए थे।
तीनों की शादी उत्तरप्रदेश के हाथरस जिला अंतर्गत सासनी थाना क्षेत्र के गांव नागलानन्नी कोरमी निवासी ठाकुर देवेंद्र एवं उसके भाइयों के साथ होनी थी। आंगन में मंडप बनाया गया था और शादी के लिए लड़कियों को हल्दी भी लग चुकी थी।
शाम पांच बजे दूल्हे राजा के साथ बराती में शामिल लोग भी गांव के प्राथमिक विद्यालय में डेरा जमा चुके थे।इसी बीच दर्जनों पुलिस जवानों के साथ थानाध्यक्ष रंजीत कुमार बेलौटी टोले जानकीपुर निवासी उपेंद्र पासवान के घर आ धमके।
उन्होंने पहले दोनों पक्षों को समझाया तो पम्मी के पिता मान गये और लड़की की शादी 18 वर्ष की उम्र के बाद ही करने का वचन दिया। इस बीच विद्यालय में ठहरी बराती को भी भनक लग गयी और वे अपने-अपने वाहनों पर सवार हो भागने लगे तो थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, माली के थानाध्यक्ष के साथ बाइक से पीछा कर दूल्हा देवेंद्र कुमार सहित अन्य दो-तीन लोगों को पकड़ लिया।
फिर दोनों पक्षों के सभी लोगों को एकत्रित कर थानाध्यक्ष और बीडीओ ने काफी समझाया और बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त करने की बात कही। लाख समझाने के बावजूद शादी की जिद पर अड़े जानकीपुर निवासी उपेंद्र पासवान और बाल विवाह संपन्न कराने आये हरचनपुर गांव के निवासी पंडित लल्लू दुबे को पकड़ कर जेल भेज दिया।
इसके साथ ही दूल्हा यूपी के नागला नन्नी निवासी ठाकुर देवेंद्र सिंह, उसके भाई राकेश कुमार, चाचा ज्ञानेंद्र सिंह, बहनोई नरेश सिंह को भी जेल भेज दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के सभी कानूनी पहलुओं को लेकर सरकार सख्त है।
इस तरह की किसी शादी में शामिल होने पर सजा का प्रावधान है। बीडीओ ने कहा कि समाज के हर व्यक्ति का फर्ज कि वे इस तरह की असामाजिक गतिविधियों पर रोक लगाएं। साथ ही शादी कार्ड छापने वाले, मिठाई और भोजन बनाने वाले कारीगर, टेंट-पंडाल लगाने वाले और बैंड-बाजा से लेकर व्यवसायी किसी भी विवाह में अपनी सेवा देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि विवाह में लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम न हो।
बाल विवाह के खिलाफ इस कार्रवाई में एनटीपीसी खैरा के थानाध्यक्ष रंजीत कुमार, माली के थानाध्यक्ष आनंद कुमार सिंह, बीडीओ पन्नालाल ने अहम भूमिका निभायी है।