Move to Jagran APP

Crackers Ban: पटना, गया व मुजफ्फरपुर में नहीं फूटेंगे पटाखे, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने दिया आदेश

राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने पटना गया एवं मुजफ्फरपुर में पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इन शहरों में किसी प्रकार के पटाखों की बिक्री नहीं की जाएगी।

By Edited By: Published: Sat, 14 Nov 2020 01:21 AM (IST)Updated: Sat, 14 Nov 2020 08:39 AM (IST)
Crackers Ban: पटना, गया व मुजफ्फरपुर में नहीं फूटेंगे पटाखे, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने दिया आदेश
किसी प्रकार के पटाखों की बिक्री नहीं की जाएगी। जागरण आर्काइव।

पटना, जेएनएन। राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने पटना, गया एवं मुजफ्फरपुर में पटाखों की बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है। इन शहरों में किसी प्रकार के पटाखों की बिक्री नहीं की जाएगी। इन शहरों की वायु की गुणवता पहले ही काफी खराब हो चुकी है। पटना, गया एवं मुजफ्फरपुर के अलावा राज्य के अन्य शहरों में केवल ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकते हैं।

loksabha election banner

रात्रि 8 से 10 बजे तक ही छोडे़ जा सकते पटाखे 

रात्रि 8 से 10 बजे तक ही छोडे़ जा सकते पटाखे प्रदूषण बोर्ड ने इस बात पर विशेष जोर दिया है कि दीपावली के अवसर पर राज्य के अन्य शहरों में मात्र दो घंटे तक ही पटाखे छोड़े जा सकते हैं। शनिवार रात्रि आठ से दस बजे तक पटना, गया एवं मुजफ्फरपुर में पटाखे छोड़े जाएंगे। वहीं छठ के अवसर पर सुबह छह बजे से शाम आठ बजे तक पटाखे छोड़े जाएंगे। क्रिसमस एवं नववर्ष पर मध्य रात्रि 11.55 से लेकर 12.30 तक पटाखे छोड़े जा सकते हैं। प्रदूषण बोर्ड ने अपने आदेश से राज्य के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को अवगत करा दिया है।

पटना की हवा काफी प्रदूषित

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार घोष का कहना है कि पटना की हवा काफी प्रदूषित हो चुकी है। ऐसे में यहां पर पटाखा छोड़ना मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक से आग्रह किया गया है कि जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दें कि अधिकरण के निर्देशों का सही तरीके से पालन किया जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के दौरान पटाखा छोड़ने से प्रदूषण की समस्या और गंभीर हो सकती है। इससे लोगों को एलर्जी, अस्थमा एवं तनाव की समस्या और गंभीर हो जाएगी। पीएमसीएच के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ.अभिषेक कुमार झा का कहना है कि वातावरण में प्रदूषण की समस्या गंभीर होने के कारण लोग स्क्रीन एलर्जी की समस्या के शिकार हो रहे हैं। यह भविष्य के लिए अत्यंत खतरनाक संकेत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.