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राज्य की नदियों में 15 अगस्त तक मछली मारने पर रोक

पटना । राज्य सरकार ने सूबे की सदाबहार नदियों में मछली मारने पर रोक लगा दी है। रोक 15 जून से 15 अगस्त

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 07:44 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 07:44 PM (IST)
राज्य की नदियों में 15 अगस्त तक मछली मारने पर रोक
राज्य की नदियों में 15 अगस्त तक मछली मारने पर रोक

पटना । राज्य सरकार ने सूबे की सदाबहार नदियों में मछली मारने पर रोक लगा दी है। रोक 15 जून से 15 अगस्त तक लागू रहेगी। यह समय मछलियों के लिए प्रजनन का होता है। इस दौरान कोई भी मछुआरा मछली मारते पकड़ा जाएगा, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उस पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ उसे जेल भी भेजा जा सकता है। शुक्रवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के प्रबंध निदेशक एवं फिस्कोफेड के निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि राज्य सरकार ने सूबे की नदियों में मछली मारने पर रोक लगा दी है लेकिन इसके बदले में मछुआरों को बचत एवं राहत योजना का लाभ नहीं दे रही है। इससे गरीब मछुआरे भुखमरी के शिकार हो जाएंगे। सरकार ने जिस कानून के तहत नदियों में मछली मारने पर रोक लगाई है, उसी में मछुआरों को राहत देने का प्रावधान किया गया है। कानून के अनुसार रोक के दौरान सरकार को मछुआरों को नौ हजार रुपए का भुगतान करना है लेकिन सरकार उसके बारे में नहीं सोच रही है। जिला मत्स्य अधिकारी विपिन कुमार के अनुसार सरकार के आदेशानुसार गंगा समेत अन्य सदाबहार नदियों में मछली मारने पर रोक लगाई गई है। जुलाई एवं अगस्त में मछली प्रजनन करती हैं। ऐसे में मछली मारने पर प्रजनन कम हो सकती है, इसलिए इस दौरान मछली मारने पर रोक है।

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