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Bihar Law Colleges Admission Ban: बिहार के सभी लॉ कॉलेजों में एडमिशन पर रोक, कोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल

Bihar Law Colleges Admission Ban बिहार के किसी भी लॉ कॉलेज में अब नहीं होगा एडमिशन पटना हाईकोर्ट ने नामांकन पर लगाई रोक 28 लॉ कॉलेजों में शिक्षक व बुनियादी सुविधाएं नहीं होने से हाईकोर्ट नाराज बिहार के सभी लॉ कॉलेजों में संसाधनों का बुरा हाल

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 08:34 AM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 05:01 PM (IST)
Bihar Law Colleges Admission Ban: बिहार के सभी लॉ कॉलेजों में एडमिशन पर रोक, कोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल
बिहार के सभी लॉ कॉलेजों में नामांकन पर लगी रोक। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Admission in Law Colleges of Patna: पटना हाईकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में नामांकन पर रोक लगाते हुए कहा है कि ऐसे संस्थानों में एडमिशन लेने से क्या फायदा जहां न शिक्षक हैं, न पढ़ाई की व्यवस्था है। अदालत ने नामांकन पर रोक लगाते हुए बिहार राज्य यूनिवर्सिटी कमीशन, बिहार स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन और कुलाधिपति कार्यालय को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। आदेश में कहा गया है कि जो भी कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया के मानकों को पूरा नहीं करते हैं, उनमें नामांकन नहीं होगा। इस मामले की अगली सुनवाई अब 23 अप्रैल को होगी।

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14 पदों के लिए केवल दो शिक्षक

कुणाल कौशल ने एक लोकहित याचिका दायर कर भागलपुर में स्थित टीएनबी लॉ कॉलेज की बदहाल स्थिति का उल्लेख किया था। याचिका में कहा गया कि वहां शिक्षकों के स्वीकृत 14 पदों में से केवल दो शिक्षक हैं। आठ शिक्षकों को पार्ट टाइम रखे गए हैं। लगभग यही हाल प्रदेश के सभी लॉ कॉलेजों का है। याचिका पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश संजय कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए चांसलर कार्यालय, राज्य सरकार, संबंधित विश्वविद्यालय एवं अन्य से जवाब तलब किया है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने दी रिपोर्ट

बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से उपस्थित हो रहे अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर 28 कॉलेजों का निरीक्षण किया गया। सभी कालेजों में शिक्षकों का भारी अभाव है। राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं हो रही है। राज्य के सभी विधि महाविद्यालयों में मानकों के अनुरूप व्यवस्था नहीं है। योग्य शिक्षकों व प्रशासनिक अधिकारियों की काफी कमी हैं। जिसका असर पढ़ाई पर पड़ रहा है। इन कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं की भी कमी हैं। याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के किसी भी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में 2008 के प्रविधानों का पालन नहीं हो रहा है। राज्य में सरकारी व निजी लॉ कालेज 28 हैं, लेकिन कहीं भी पढ़ाई की पूरी व्यवस्था नहीं होने के कारण लॉ (विधि) की पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है।


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