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Result Scam: बच्चा का खुलासा, स्क्रूटनी के बाद उसकी बेटी ही होती टॉपर

बच्चा राय ने लालकेश्वर प्रसाद के सामने एसआइटी को बताया कि बेटी व भतीजी को टॉपर बनाने के लिए उसने लालकेश्वर को पंद्रह लाख रुपये दिए थे। उसकी बेटी स्क्रूटनी के बाद साइंस टॉपर होती।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 01:24 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 10:19 PM (IST)
Result Scam: बच्चा का खुलासा, स्क्रूटनी के बाद उसकी बेटी ही होती टॉपर

पटना [जेएनएन]। एसआइटी की पूछताछ और लालकेश्वर की पत्नी ऊषा के सामने बच्चा राय ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि इंटर की परीक्षा में बेटी को साइंस और भतीजी को आर्ट्स टॉपर बनाने के लिए उसने उन्हें 15 लाख रुपये दिए थे। यह भी कहा कि प्लान के मुताबिक स्क्रूटनी की देर थी। बाद में उसकी बेटी ही साइंस टॉपर होती।

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यह भी कहा कि पूरे घोटाले का खाका परीक्षा के बाद लालकेश्वर प्रसाद के बहादुरपुर स्थित आवास पर तैयार किया गया था।

पैसा वसूलने को लालकेश्वर ने की थी कड़ाई

पूछताछ में जानकारी मिली कि विशुन राय कॉलेज से वसूली करने के लिए लालकेश्वर ने षड्यंत्र रचा। बच्चा परीक्षा केंद्र पर सेटिंग करने की फिराक में था, ताकि उसे ऊषा को मूल्यांकन के लिए पैसे खर्च नहीं करने पड़े। लेकिन लालकेश्वर ने चालाकी दिखा दी और उन्होंने वैशाली जिलाधिकारी को फोन करके परीक्षा केंद्र बदलने का आग्रह किया।

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चूंकि कदाचार समिति वर्ष 2015 में हुई धांधली की जांच कर रही थी, लालकेश्वर ने जिलाधिकारी को गुमराह कर दिया। वीआर कॉलेज का परीक्षा केंद्र जीए इंटर कॉलेज बना, जहां बच्चा के लाख प्रयत्न करने के बावजूद शैल कुमारी ने नकल नहीं होने दी। इसके बाद बच्चा को ऊषा की शरण में आना पड़ा।

ऊषा ने बदलवा दिया मूल्यांकन केंद्र

राजेंद्र नगर बालक उच्च विद्यालय के प्राचार्य विशेश्वर यादव पूर्व विधायक ऊषा रानी के नजदीकी लोगों में शामिल थे। बच्चा राय से डील होने के बाद ऊषा ने पति लालकेश्वर के माध्यम से राजेंद्र नगर बालक उच्च विद्यालय को विशुन राय कॉलेज का मूल्यांकन केंद्र बनाया। इस बार भी लालकेश्वर ने पटना जिलाधिकारी को गुमराह करने के लिए विशुन राय कॉलेज के खिलाफ पत्राचार किया था।

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तीन दिन पहले ले गए कॉपियां

मूल्यांकन कार्य समाप्त होने के तीन दिन पहले लालकेश्वर राजेंद्र नगर बालक उच्च विद्यालय पहुंचे और टॉपरों की कॉपियां साथ लेकर चले गए। इसके बाद कंकड़बाग स्थित गंगा देवी महिला कॉलेज में तत्कालीन प्राचार्या ऊषा सिन्हा की निगरानी में कॉपियों के अंदर के पृष्ठ बदले गए। काम पूरा होने के बाद ऊषा ने फोन कर बच्चा राय को खुशखबरी सुनाई थी।

स्क्रूटनी के बाद बच्चा की बेटी होती टॉपर

लालकेश्वर ने अपराधियों की तरह षड्यंत्र रचा था। पहले फेज में बच्चा राय की बेटी को टॉपर नहीं बनाया गया, ताकि बोर्ड की कार्यप्रणाली पर किसी तरह का सवालिया निशान न लगे। षड्यंत्र के तहत बच्चा की बेटी की कॉपी की स्क्रूटनी कराई जाती और उसके बाद छात्रा को टॉप कराया जाता।

बिना परीक्षा दिए टॉप कर जाती बच्चा की बेटी

तफ्तीश में पता चला कि बच्चा राय की बेटी इंटर की परीक्षा उपस्थित नहीं थी, लेकिन उसकी उत्तर पुस्तिका बोर्ड कार्यालय से बरामद हुई। कोलकाता स्थित प्रोसेसिंग यूनिट में एसआइटी छानबीन के लिए गई थी। वहां छात्रों के रोल नंबर, रोल कोड और सभी विषयों का अंक प्रकाशित करने के लिए भेजा जाता है। उस सूची में बच्चा की बेटी को अनुपस्थित बताया गया था।

इसके बाद पुलिस ने जीए इंटर कॉलेज में लगे सीसी कैमरों के फुटेज देखे, जिसमें छात्रा कहीं नहीं दिखी। इससे जाहिर होता है कि उसने परीक्षा नहीं दी थी, लेकिन उसकी सभी विषयों की कॉपियां लिखी गईं। छात्रा ने खुद कॉपी लिखी या किसी और ने, इसका पता हैंड राइटिंग मिलान के बाद ही चल पाएगा।


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