Move to Jagran APP

पांच महीने बाद 25 से बजेंगे ढोल और गूंजेगी शहनाई, नवंबर-दिसंबर में विवाह के कई शुभ मुहूर्त-जानें

25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। नवंबर और दिसंबर में इस बार विवाह के 17 शुभ मुहूर्त पड़ रहे हैं। 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 10:08 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 10:08 PM (IST)
पांच महीने बाद 25 से बजेंगे ढोल और गूंजेगी शहनाई, नवंबर-दिसंबर में विवाह के कई शुभ मुहूर्त-जानें
जानें नवंबर और दिसंबर में कितनी शुभ लगन है।

पटना, जेएनएन। पांच माह के लंबे अंतराल के बाद शहर में फिर से ढोल बजेगा और शहनाई की गूंज सुनाई पड़ेगी। 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। नवंबर और दिसंबर में विवाह के 17 शुभ मुहूर्त हैं। 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 25 नवंबर को भगवान विष्णु का शयनकाल समाप्त हो जाएगा, जिसे देवोत्थान एकादशी के नाम से जाना जाता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि का आरंभ 25 नवंबर को 2:42 बजे से आरंभ होगा, जिसका समापन 26 नवंबर को सुबह 5:10 बजे तक रहेगा। 

loksabha election banner

एकादशी से आरंभ होंगे मांगलिक कार्य 

 

एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन से ही शादी, मुंडन कार्य, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। पंडित राकेश झा ने बनारसी पंचांग के अनुसार बताया कि नवंबर में शादी के दो लग्न हैं 25 और 30 नवंबर, जबकि दिसंबर में 10 लग्न हैं। वहीं, मिथिला पंचांग के अनुसार नवंबर में शादी का मुहूर्त नहीं है। दिसंबर में पांच लग्न हैं। ज्योतिष आचार्य पीके युग ने बनारसी पंचांग के हवाले से बताया कि नवंबर में 25, 30 को लग्न हैं। वहीं, दिसंबर में आठ लग्न हैं। आचार्य ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण कई लोगों को अपनी शादी मुहूर्त होते भी टालनी पड़ी थी। अब सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, सामाजिक कार्य आरंभ हो गए हैं लेकिन लोगों को एहतियात बरतनी होगी। 

साल के अंतिम में शादी के कई मुहूर्त 


पंडित राकेशा झा के अनुसार, साल 2020 के अंतिम माह में शादी के कई अच्छे मुहूर्त हैं। सबसे अच्छा मुहूर्त 25 नवंबर देवोत्थान एकादशी के दिन का है। इसके बाद 30 नवंबर को है। मिथिला पंचांग के अनुसार, नवंबर में शादी का कोई लग्न नहीं है। दिसंबर माह में बनारसी पंचांग के अनुसार 1,2,6,7,8,9,11,13, 14 तारीख शादी के लिए काफी शुभ दिन है। 

जुलाई से पूरे पांच माह नहीं हुए वैवाहिक कार्य 


 इस साल जुलाई से पांच माह तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं हो पाए। एक जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु शयन के लिए क्षीर सागर में चले गए हैं। इसके कारण मांगलिक कार्य बाधित रहा। 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु निद्रा से जागृत होंगे इसके बाद फिर से मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएगा। चातुर्मास की अवधि चार के बजाए पांच महीने होने से अधिमास के कारण भगवान 148 दिनों तक शयन मुद्रा में हैं। वहीं, दो साल पहले भाद्रपद माह में अधिमास होने पर ऐसी स्थिति बनी थी। 

एकादशी के दिन तुलसी 


संग शालिग्राम का विवाह  देवोत्थान एकादशी को देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। परंपरा के अनुसार, इसी दिन माता तुलसी और भगवान शालिग्राम परिणय सूत्र में बंध जाते हैं। आचार्य पीके युग ने बताया कि दोनों का शुभ विवाह विधि-विधान के अनुसार किया जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का वातावरण बना रहता है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.