सावधान! नकली दवा ले सकती आपकी जान; बिहारशरीफ में छापेमारी के बाद हुआ बड़ा खुलासा
Fake medicine अगर आप दवा खरीदने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं। छूट के चक्कर में वैध बिल लेना न भूलें। बिल को अच्छी तरह पढ़ लें कि उसपर जीएसटी (GST) और बैच (Batch) नंबर अंकित है या नहीं।
जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ। अगर आप दवा खरीदने जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं। छूट के चक्कर में वैध बिल लेना न भूलें। बिल को अच्छी तरह पढ़ लें कि उसपर जीएसटी (GST) और बैच (Batch) नंबर अंकित है या नहीं। दुकानदार यदि बिल नहीं देता है और इसके बदले MRP (Maximum Retail Price) से कम कीमत देने को कहता है तो वो दवा नकली हो सकती है। जान के इस सौदे का खुलासा तब हुआ, जब ब्रांड प्रोटेक्शन एक्ट की टीम ने नालंदा पुलिस के साथ बिहारशरीफ के लहेरी थाना क्षेत्र में छापेमारी की। इस कार्रवाई में टीम ने विभिन्न नामी कंपनियों के दो करोड़ से अधिक की दवा बरामद की।
दिल्ली, हरियाणा, पुणे तक हैं इनका कनेक्शन
छापेमारी दस्ते का नेतृत्व कर रहे कंपनी के अधिकारी मो. मुस्तफा हुसैन ने बताया कि अनुसंधान टीम ने कुछ महीने पहले दिल्ली के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की थी। वहां बड़ी मात्रा नकली दवाइयों के साथ धंधेबाज को पकड़ा गया था। पूछताछ में जानकारी मिली कि विभिन्न दवाइयों के केमिकल, टैबलेट आदि की सप्लाई नालंदा के चंडी निवासी आफताब आलम को की जाती है। टीम आफताब की हरकतों पर नजर रख रही थी। तभी मालूम हुआ कि हरियाणा और पुणे से पटना के सदर गली का रहने वाला मो. कैश रैपर मंगवाता है। फिर, दोनों आरोपित लहेरी थाना क्षेत्र स्थित सूरज यादव के मकान में उनकी पैकिंग करते हैं।
सीमांचल इलाकों में होती है बिक्री
पूरी जानकारी इकट्ठा करने के बाद कंपनी के फील्ड ऑफिसर मो. सदुल्लह ने नालंदा पुलिस को सूचना दी। इसके बाद लहेरी थाना प्रभारी के सहयोग से टीम ने सूरज यादव के मकान में छापेमारी की। वहां से फाइजर, इंटास फार्मा, रैकिट बेनकिसर, मोरिको, इमामी समेत अन्य नामी कंपनियों के नकली उत्पाद बरामद किए गए। पूछताछ में आरोपित आफताब ने बताया कि इन दवाइयों की सप्लाई सीमांचल और सुदूर इलाकों में होती है, जहां लोग बिल की डिमांड नहीं करते। आरोपित ने कुछ धंधेबाजों के नाम बताए हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।