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मां दुर्गा की प्रतिमाओं के पट खुलते ही भक्तों की उमड़ी भीड़, प्रतिमा की जगह फोटो रखकर हो रही पूजा

कोरोना काल में इस बार दुर्गापूजा की रौनक फीकी रही इसके बावजूद पूजा के प्रति लोगों का उत्साह बना हुआ है

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 01:39 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 01:39 PM (IST)
मां दुर्गा की प्रतिमाओं के पट खुलते ही भक्तों की उमड़ी भीड़, प्रतिमा की जगह फोटो रखकर हो रही पूजा
मां दुर्गा की प्रतिमाओं के पट खुलते ही भक्तों की उमड़ी भीड़, प्रतिमा की जगह फोटो रखकर हो रही पूजा

पटना। कोरोना काल में इस बार दुर्गापूजा की रौनक फीकी रही इसके बावजूद पूजा के प्रति लोगों की आस्था बनी रही। शुक्रवार को सप्तमी तिथि में मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना करने के बाद शहर के शक्तिपीठ मंदिरों के अलावा विभिन्न पूजा समितियों की ओर से स्थापित प्रतिमाओं के पट भक्तों के लिए दोपहर बाद खोल दिए गए। मंदिरों और पंडाल में भक्ति गीत मंद स्वर में बजते रहे और भक्तों ने मां का दर्शन किया। मां के दर्शन करने को लेकर शहर के शक्तिपीठ छोटी एवं बड़ी पटन देवी, बांस घाट काली सिद्धेश्वरी मंदिर, सचिवालय स्थित नौलखा मंदिर, महाराजगंज बड़ी देवी, मारूफगंज बड़ी देवी, शक्ति मंदिर लोदीपुर, अगमकुआं शीतला मंदिर समेत अन्य मंदिरों में मां के दर्शन करने को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ी।

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मां के दर्शन कर भक्तों ने लगाए जयकारे : भक्तों की ऐसी आस्था कि कोरोना संक्रमण के बावजूद मां के दर्शन करने को लेकर उनके दरबार में हाजिरी लगाते रहे। शुक्रवार की सुबह मां कालरात्रि की पूजा करने के बाद मंदिरों में स्थापित मां की प्रतिमा का पट भक्तों के लिए खोल दिया गया। मां के दर्शन को आतुर भक्त उनके दरबार में सुबह से ही कतार में लगे थे। शक्तिपीठ छोटी पटन देवी के पुजारी आचार्य विवेक द्विवेदी ने कहा कि सप्तमी की पूजा और आरती के करने के बाद भक्तों के लिए मां का दरबार सुबह आठ बजे से खोल दिया गया। मंदिर में किसी प्रकार की भीड़ न हो जिसके लिए मंदिर प्रशासन की ओर से सख्त व्यवस्था की गई थी। मंदिर में आने वाले भक्तों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मास्क लगा कर प्रवेश दिया गया। बड़ी पटन देवी के पुजारी आचार्य विजय शंकर गिरि ने बताया कि सप्तमी तिथि को सुबह नौ बजे के बाद भक्तों के लिए मां का दरबार खोल दिया गया। इसके बाद भक्त शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मां के दर्शन किए। शक्तिपीठ मां शीतला मंदिर में भी मां की पूजा-अर्चना करने के बाद मंदिर का द्वार भक्तों के लिए खोल दिया गया। अगमकुआं स्थित मां शीतला मंदिर में भक्तों को दर्शन करने को लेकर खास व्यवस्था की गई। मंदिर में किसी प्रकार की कोई भीड़ न हो, इसके लिए पुलिस बल की भी तैनाती की गई।

पूजा-पंडाल में प्रतिमा की जगह फोटो में दिखीं मां दुर्गा : कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार शहर में बड़े पूजा पंडाल नहीं बनाए गए। परंपरा को बरकरार रखने को लेकर पूजा समितियों ने कलश स्थापित करने के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा की जगह फोटो रख कर पूजा-अर्चना की। भक्तों ने प्रतिमा की जगह मां का दर्शन फोटो के रूप में किया। दुर्गा पूजा व्यापार मंडल, बोरिग रोड में मां की फोटो रखकर पूजा की गई। समिति के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि फोटो में मां के साथ अन्य देवी-देवताओं की तस्वीर है। ऐसा ही स्थिति नव युवा मंच आयकर गोलंबर की है। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर दुर्गा पूजा समिति बोरिग कैनाल रोड पूजा पंडाल में दुर्गा मां की प्रतिमा की जगह कलश स्थापित किया गया। वही डाकबंगला चौराहे पर भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कलश स्थापित कर मां दुर्गा की फोटो रखकर पूजा-अर्चना की गई। नवयुवक संघ पूजा समिति डाकबंगला के कोषाध्यक्ष अमित बरुआ ने बताया कि पूजन होने के बाद भक्त मां की प्रतिमा की जगह फोटो का दर्शन कर आशीष लिए हैं।

नहीं होगा कन्या पूजन : कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कई पूजा समितियों में मंदिरों में कन्या पूजन नहीं होगा। बोरिग रोड चौराहे पर अष्टमी के दिन महाप्रसाद का वितरण इस बार नहीं होगा। साथ ही इस बार कन्या पूजन पर समिति की ओर से रोक लगाई गई है। पूजा समिति के सचिव राजेश कुमार ने कहा कि अष्टमी के दिन महाप्रसाद का वितरण नहीं होगा। वही नौवीं के दिन खिचड़ी नहीं बटेगी।

नवपत्रिका प्रवेश और महासप्तमी पूजा के बाद दर्शन करने पहुंचे भक्त : शुक्रवार की सुबह पौने नौ बजे लंगर टोली स्थित बंगाली अखाड़ा, यारपुर स्थित कालीबाड़ी मंदिर परिसर में नवपत्रिका प्रवेश और महासप्तमी की पूजा के बाद मां के दर्शन को भक्तों की भीड़ उमड़ी। गर्दनीबाग स्थित पटना कालीबाड़ी के वासुदेव चक्रवर्ती ने कहा कि सप्तमी तिथि को नव पत्रिका प्रवेश पूजा के दौरान मां की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा करा भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर का द्वार खोल दिया गया। उन्होंने बताया कि इस बार मंदिर में आने वाले भक्तों के बीच प्रसाद वितरण नहीं होगा। कालीबाड़ी के संयुक्त सचिव अशोक चक्रवर्ती ने बताया कि मां की प्रतिमा का पट खुलते ही भक्तों की भीड़ लगी है। वही बंगाली अखाड़े में सप्तमी तिथि की पूजा होने के बाद मां की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद भक्तों ने दर्शन किया।

इन जगहों पर हुई मां की संधि पूजा : शुक्रवार की रात शक्पिीठ बड़ी एवं छोटी पटनदेवी, बड़ी देवी महाराजगंज, शीतला मंदिर समेत अनेक मंदिरों में संधि पूजा रात 12 बजे हुई। संधि पूजा के दौरान मां का भव्य श्रृंगार करने के बाद आरती कर भोग लगाया गया।


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