वैकैंसी मिलते ही शुरू होगी असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया
राजभवन ने सोमवार को असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के परिनियम को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
पटना। राजभवन ने सोमवार को असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के परिनियम को स्वीकृति प्रदान कर दी है। बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजवर्धन आजाद के अनुसार राज्य सरकार से विश्वविद्यालय वार रिक्ति का पत्र मिलते ही प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। नियुक्ति की पूरी प्रक्रिया का निर्धारण किया जा चुका है। अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। रोस्टर के अनुसार रिक्त सीटों की जानकारी के लिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और संबंधित पदाधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वहीं शिक्षा विभाग के अनुसार रोस्टर के अनुसार रिक्त सीटों की गणना कर सभी विश्वविद्यालय अभी तक रिपोर्ट सबमिट नहीं किये हैं। जल्द ही रोस्टर के अनुसार रिक्ति सीट चिह्नित कर राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग को सौंप दिया जाएगा।
ऑनलाइन होगी पूरी प्रक्रिया
विश्वविद्यालय सेवा आयोग अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन स्वीकार करेगा। मैट्रिक से पीएचडी तक के अंक और प्रमाणपत्र सबमिट करना होगा। प्रमाणपत्रों की जाच के बाद निर्धारित मानक के अनुसार शैक्षणिक मेधा सूची बनाई जाएगी। इसके आधार पर योग्य अभ्यíथयों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
साक्षात्कार के लिए बनेंगे सात बोर्ड
बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग में छह सदस्य हैं। अध्यक्ष और छह सदस्य अलग-अलग बोर्ड का नेतृत्व करेंगे। साक्षात्कार की पूरी प्रक्रिया और बोर्ड के विशेषज्ञों का चयन यूजीसी की 2018 में तय गाइडलाइन के अनुसार होगा। प्रत्येक बोर्ड में राज्य के बाहर के विषय विशेषज्ञ भी शामिल किए जाएंगे।
- डिजिटल डिग्री प्रमाण पत्र देने के लिए डीयू ने की ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था
- पोर्टल पर करना होगा पंजीकरण, सत्यापन के बाद एक सप्ताह में जारी होगी डिग्री
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली हाई कोर्ट के सख्त रुख के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण हो चुके छात्रों को अब डिजिटल डिग्री प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ के समक्ष शपथ पत्र दाखिल कर डीयू ने बताया कि इसके लिए छात्रों को ऑनलाइन पोर्टल www.स्त्रद्बद्दद्बष्द्गह्मह्लद्ब.स्त्रह्व.ड्डष्.द्बठ्ठ पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के लिए छात्रों को कॉलेज का नाम व अकादमिक योग्यता की जानकारी दर्ज करनी होगी। इसके बाद एक सप्ताह के भीतर सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होगी और डिजिटल डिग्री प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
दिल्ली हाई कोर्ट में डिजिटल डिग्री प्रमाण पत्र की मांग को लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ साइंसेस जैसे कॉलेजों के 21 छात्र-छात्राओं की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इन छात्र-छात्राओं ने 2018 एवं 2019 में परीक्षा पास की थी, लेकिन उन्हें डिग्री प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए डीयू को आदेश दिया था कि 13 अगस्त से पहले याचिकाकर्ताओं को डिग्री प्रमाण पत्र जारी किए जाएं। इसके अलावा पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के आइटी विभाग के अधिकारी, डिजी-लॉकर के वरिष्ठ अधिकारी और डीयू कंप्यूटर सेंटर के संयुक्त निदेशक संजीव सिंह की एक समिति बनाकर एक सैंपल डिग्री बनाकर पीठ के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था।
पीठ के आदेश के मुताबिक सोमवार को ई-मेल के माध्यम से एक सैंपल डिग्री प्रमाण पत्र पेश किया गया। पीठ ने सैंपल डिग्री प्रमाण पत्र पर संतोष जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता डिजिटल डिग्री प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र है। पीठ ने इसके साथ डीयू से कहा कि अंकतालिका भी डिजिटल माध्यम से जारी करने की संभावना पर विचार करें। पीठ ने डीयू को इस संबंध में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई सात सितंबर के लिए स्थगित कर दी।