Move to Jagran APP

बिहार के अस्‍पतालों में बच्‍चों पर आफत, कहीं चूहे काट रहे तो कहीं सूअर बना रहे निवाला

बिहार के अस्‍पतालों में लापरवाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं। अस्‍पताल प्रबंधन इन मामलों से पल्‍ला झाड़ रहे हैं, लेकिन अगर इनमें जरा भी सच्‍चाई है तो गंभीर मामला है। आप भी जानिए।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 08:57 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 09:34 AM (IST)
बिहार के अस्‍पतालों में बच्‍चों पर आफत, कहीं चूहे काट रहे तो कहीं सूअर बना रहे निवाला
बिहार के अस्‍पतालों में बच्‍चों पर आफत, कहीं चूहे काट रहे तो कहीं सूअर बना रहे निवाला

पटना [जागरण टीम]। बिहार के अस्‍पतालों में आजकल बच्‍चों पर आफत आई है। वे कहीं सूअर का निवाला बन रहे हैं तो कहीं चूहों व चीटिंयों के शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल (डीएमसीएच) में भर्ती एक नवजात की मौत का है। परिजनों का आरोप है कि बीमार बच्चे को चूहे काट रहे थे।
डीएमसीएच में बच्‍चे को कुतरता दिखा चूहा!
जानकारी के अनुसार मधुबनी जिले के सकरी थाना क्षेत्र के नजरा गांव निवासी फिरन चौपाल की पत्नी नीलम चौपाल ने 10 दिनों पूर्व एक बच्चे को जन्म दिया था। सोमवार दोपहर दो बजे वे लोग बच्चे को लेकर डीएमसीएच पहुंचे। उसे शिशु रोग विभाग के नीओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया। रात एक बजे तक नवजात की हालत ठीक थी। सुबह पांच बजे जब बच्चे को देखने गए तो पाया कि उसके हाथ एवं पांव को चूहा कुतर रहा था। वहां कोई नर्स एवं कंपाउंडर नहीं थे। नर्स को बाहर से बुलाया तो कहा कि बच्चा मर गया है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बोले: आरोप निराधार
उधर, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. केएन मिश्रा का कहा कि नवजात के शरीर पर चूहा के काटने का निशान नहीं मिला है। उसके हाथ-पांव पर इंट्राकैथ के निशान मिले। ब्लड की जांच के लिए नमूना लिया गया था, उसका ही निशान मिला। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी चूहा काटने के आरोप को गलत बताया। उनके अनुसार बच्चे की मौत मल्टी अॉर्गेन फेल्योर से हुई।
सासाराम में चींटियों का निवाला बना मृत नवजात
ऐसी ही एक अन्‍य घटना रोहतास जिला मुख्‍यालय सासाराम के सदर अस्पताल परिसर में साेमवार को हुई। वहां पोस्टमार्टम हाउस के पास भारी भीड़ तमाशाई बनी थी। पता चला कि वहां पड़े एक नवजात के शव को चींटियां खा रहीं थीं। घटना की सूचना पर पहुंची मॉडल थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।

loksabha election banner

घटना की बाबत अस्पताल प्रशासन ने कहा कि शव किसने फेंका यह जानकारी उसे नहीं है। पोस्टमॉर्टम कक्ष के आसपास पुलिस की भी ड्यूटी नहीं लगी है। दूसरी ओर पुलिस अनुसंधान के पहले ही निष्‍कर्ष पर पहुंच गई है।

मॉडल थानाध्यक्ष शाहिद आलम ने बताया कि शव को अस्‍पताल के बाहर के किसी व्‍यक्ति ने लाकर फेंका था।

सहरसा में नवजात का शव खा गया सूअर
एक सप्‍ताह पहले बीते बुधवार को ही सहरसा सदर अस्पताल परिसर में एक झाड़ी से नवजात का शव लेकर सूअर मुंह में दबाकर निकला। जैसे ही लोगों की उसपर नजर पड़ी, लोग शव को सूअर से छुड़ाने की कोशिश करने लगे। लेकिन वे नाकामयाब रहे। इसके बाद भीड़ तमाशाई बनी रही और सूअर शव को नोंचकर खा गया। लोगों के अनुसार बच्‍चे का जन्म अस्पताल में ही हुआ होगा। बच्चे के मरा पैदा होने या फिर लड़की होने के कारण उसे जिंदा ही अस्पताल परिसर में ही फेंक दिया गया होगा।
सदर अस्पताल सुधार संघर्ष समिति के मंजीत कुमार सिंह ने बताया कि नवजात को अस्पताल परिसर में फेंकना और सूअर द्वारा नोंचकर खाना लापरवाही को दर्शाता है। अस्पताल में 24 घंटे पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। ऐसे में यह घटना होना आश्‍चर्यजनक है।
बक्‍सर में कटा पैर लेकर भाग गया था कुत्‍ता
अस्‍पताल में लापरवाही का एक और मामला बक्‍सर में देखने को मिला। हालांकि, यह किसी बच्‍चे से नहीं एक वयस्‍क मरीज से संबंधित है। हाल ही में बक्सर सदर अस्‍पताल में मरीज का ऑपरेशन कर काटा पैर अस्पताल के अॉपरेशन थियेटर से कुत्ता लेकर भाग गया था। दरअसल बक्सर रेलवे स्टेशन पर श्रमजीवी एक्सप्रेस पर चढऩे के दौरान घायल हुए एक व्यक्ति को राजकीय रेल थाना पुलिस ने सदर अस्पताल पहुंचाया था, जहां उसका इलाज किया गया। बुरी तरह जख्मी होने के कारण उनका एक पैर काटना पड़ा। इसी दौरान बाहर से पहुंचे कुत्ते ने पैर को उठा लिया और भाग खड़ा हुआ। बाद में इलाज के दौरान घायल व्यक्ति की मौत भी हो गई। इस मामले में भी तब सिविल सर्जन डॉ. केके लाल ने जानकारी से इनकार कर दिया था


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.