जरूरी नहीं दोबारा कोरोना से बचा ही लेगी एंटीबॉडी
पवन कुमार मिश्र पटना। यदि आप कोरोना मुक्त हो चुके हैं और यह सोच रहे कि दोबारा संक्रमि
पवन कुमार मिश्र, पटना। यदि आप कोरोना मुक्त हो चुके हैं और यह सोच रहे कि दोबारा संक्रमित नहीं होंगे तो सावधान हो जाएं। आपके शरीर में एंटीबॉडी बनी हो या नहीं, आप फिर संक्रमित हो सकते हैं। दिल्ली-मुंबई के बाद पटना में भी दोबारा संक्रमित होने के मामले सामने आने लगे हैं।
आधा दर्जन से अधिक केस :
कोरोना मुक्त हुए लोगों के दोबारा भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। दो दिन पूर्व एम्स पटना में दोबारा संक्रमित हुए व्यक्ति को भर्ती किया गया है। वहीं पीएमसीएच में दो और निजी अस्पतालों में पांच से अधिक ऐसे मरीज भर्ती हो चुके हैं।
लापरवाही बरतने से दोबारा संक्रमण : एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया, जो लोग कोरोना के हल्के लक्षणों के साथ ठीक हुए हैं, उनमें कई बार एंटीबॉडी बनती ही नहीं। वहीं, जिनके शरीर में मजबूत एंटीबॉडी होती है, वे भी दोबारा संक्रमित हो सकते हैं। कारण, कोरोना वायरस मुंह, नाक व आंख से प्रवेश करता है। हालांकि, दोबारा संक्रमित मजबूत एंटीबॉडी के कारण जल्द स्वस्थ होते हैं और गंभीर स्थिति नहीं होती है। यदि शरीर में मजबूत एंटीबॉडी नहीं है तो साइटोकिन स्टॉर्म (वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडी अनियंत्रित होकर संक्रमित के साथ स्वस्थ कोशिकाओं को भी नष्ट करने लगती हैं। इससे मल्टी ऑर्गन फेल्योर की स्थिति हो सकती है।) से मौत की आशंका बढ़ जाती है।
एंटीबॉडी के भरोसे न रहें :
पीएमसीएच के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. पूर्णानंद झा के अनुसार कोरोना मुक्त 25 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी नहीं पाई गई है। वहीं बहुत से लोग संक्रमित नहीं हुए, लेकिन उनके शरीर में मजबूत एंटीबॉडी मिली है। एंटीबॉडी की हाफ लाइफ साइकिल 40 से सौ दिन की होती है। इसके बाद एंटीबॉडी खत्म होने लगती है। ऐसे में जो लोग मार्च-अप्रैल में संक्रमित हुए थे उनकी एंटीबॉडी बनी भी होगी तो खत्म हो चुकी है। कोरोना से बचना है तो मास्क पहनकर ही बाहर निकलें, शारीरिक दूरी बनाए रखें और अनजान सतह छूने के बाद हाथ साबुन से धोएं या सैनिटाइज करें।