यशवंत सिन्हा ने छोड़ा भाजपा का साथ, कहा- दलगत राजनीति से भी अब लेता हूं संन्यास
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आज भाजपा विरोधी नेताओं का जुटान हुआ है, जिसमें भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने भाजपा से नाता तोड़ने और दलगत राजनीति छोड़ने का एलान किया है।
पटना [जेएनएन]। मिशन-2019 में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश को लेकर पटना के एसकेएम हॉल में आयोजित राष्ट्र मंच से भाजपा के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने पार्टी छोड़ने का एलान किया। यशवंत सिन्हा ने कहा कि भाजपा के साथ सभी संबंधों को आज समाप्त करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज मैं दलगत राजनीति से भी संन्यास लेता हूं।
सिन्हा ने कहा कि मैं आज के बाद किसी दल के साथ नहीं रहूंगा न ही किसी भी राजनितिक दल से कोई रिश्ता रखूंगा। उन्होंने कहा कि आज से चार साल पहले ही मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास ले चुका हूं और अब मैंने चुनावी राजनीति से खुद को अलग कर लिया है।
सिन्हा ने कहा-देश की स्थिति चिंताजनक
उन्होंने कहा कि मैंने संबोधन में जानबूझ कर मित्रों नही कहा, जब देश मुसीबत में था, पटना ने रास्ता दिखाया था। आज भी देश को पटना रास्ता दिखाएगा। गुजरात चुनाव के कारण संसद का सत्र छोटा किया गया, देश में ऐसा कभी नहीं हुआ। हम देश की हालत पर विचार करने आए हैं। देश की परिस्थिति चिंताजनक है।
शत्रुघ्न सिन्हा घबराएं नहीं, मैं पटना से चुनाव नहीं लड़ूंगा
यशवंत सिन्हा ने कहा कि पटना से मेरा लगाव शुरू से रहा है। मैंने यहां पढ़ाई की और नौकरी भी की। शत्रुघ्न सिन्हा घबराएं नहीं, मैं यहां से चुनाव नहीं लड़ूंगा। मेरा दिल देश के लिए धड़कता है। लोकतंत्र बचाने के लिए मैं आंदोलन करूंगा। भारतीय जनता पार्टी से मेरा रिश्ता खत्म हो चुका है।
उन्होंने कहा कि आज जो कुछ हो रहा है, उसके खिलाफ यदि हम नहीं खड़े होते हैं तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी। इसके साथ ही सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का एक भाग सड़ गया है, जिससे बदबू आ रही है।
बता दें कि यशवंत सिन्हा ने पिछले दिनों नोटबंदी के फैसले और जीएसटी लागू करने के तरीके को लेकर भी मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला था।
गैर भाजपा दलों के नेता कर रहे राष्ट्रमंच सम्मेलन में शिरकत
पटना के एसकेएम हॉल में भाजपा के असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा पटना में शनिवार को गैर-भाजपा दलों का अधिवेशन कर रहे हैं। कार्यक्रम में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शामिल हैं। इसमें भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के साथ ही जदयू के बागी नेता उदय नारायण चौधरी भी शिरकत कर रहे हैं।
पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में प्रस्तावित इस अधिवेशन में देशभर के प्रमुख दलों के नेता एवं प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। कार्यक्रम में कांग्रेस, राजद, आम आदमी पार्टी एवं सपा समेत भाजपा-जदयू के असंतुष्ट नेताओं को भी बुलाया गया है।
ममता बैनर्जी ने बनाया फासला
न्योता तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी दिया गया था, किंतु उनकी राजनीतिक लाइन अभी दूसरी दिशा की ओर बढ़ रही है। यही कारण है कि उन्होंने यशवंत के कार्यक्रम से फासला बना रखा है। दरअसल, ममता भाजपा के साथ कांग्रेस से भी दूरी बनाए रखकर तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को टटोल रही हैं।
भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री का ओहदा संभालने वाले यशवंत फिलहाल मोदी सरकार के सबसे मुखर आलोचक हैं। भाजपा में रहते हुए वह केंद्र सरकार के विरोधियों को लगातार स्वर दे रहे हैं। उन्होंने भाजपा सांसदों से भी राष्ट्रीय हित के नाम पर मुखर होने की अपील की है।