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कोशिशों के बीच फिजिकल डिस्‍टेंसिंग की एक हकीकत यह भी: जगह-जगह भीड़, कुत्‍तों संग कटता जीवन

कोरोना से लड़ाई के लिए केंद्र से लेकर राज्‍य सरकारें तक तमाम कोशिशों में लगी हैं। लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही भारी पड़ सकती है। फिजिकल डिस्‍टेंसिंग की एक हकीकत यह भी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 07:17 AM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 02:21 PM (IST)
कोशिशों के बीच फिजिकल डिस्‍टेंसिंग की एक हकीकत यह भी: जगह-जगह भीड़, कुत्‍तों संग कटता जीवन
कोशिशों के बीच फिजिकल डिस्‍टेंसिंग की एक हकीकत यह भी: जगह-जगह भीड़, कुत्‍तों संग कटता जीवन

पटना, अमित आलोक। Bihar Lockdown: कोरोना (Corona) से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) है। इस दौरान फिजिकल डिस्‍टेंसिंग (Physical Distancing| पर जाेर दिया जा रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के साथ बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Government) कोरोना संकट पर नियंत्रण कोशिश में कदम मिलाकर चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आह्वान पर रविवार की रात नौ बजे देश के सभी नागरिक नौ मिनट तक बिजली बुझाकर दीये, मोमबत्‍ती व टॉर्च आदि जला इस जंग में एकजुटता का भी प्रदर्शन करेंगे। लेकिन कुछ लोगों की लापरवाही के कारण संक्रमण के फैलाव की आशंका बनी हुई है।

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jagran.com के रियलिटी चेक में अस्‍पताल (Hospital) से बैंक (Bank) तथा बाजार (Market) से फुटपाथ (Footpath) तक कई जगह फिजिकल डिस्‍टेंसिंग के पालन में लापरवाही दिखी। फुटपाथ पर गली के कुतों (Street Dogs) के साथ शरण लिए उन गरीबों की मजबूरी भी सामने आई, जिनके लिए फिजिकल डिस्‍टेंसिंग से बड़ा सवाल रोटी का है।

फुटपाथाें पर गली के कुत्‍तों के साथ आराम करते मिले लोग

रविवार की सुबह पटना के रियलिटी चेक को निकली हमारी टीम ने पाया कि लोग संक्रमणकारी हालात में फुटपाथाें पर गली के कुत्‍तों के साथ आराम कर रहे थे। कई जगह फुटपाथों पर भीड़ जमा थी। पटना के बेली रोड स्थित आशियाना-दीघा मोड़ पर ओवरब्रिज के नीचे वाहन पार्किंग की जगह है। लॉकडाउन के दौरान वाहन कम हैं तो वहां लोग शरण लिए हुए दिखे।

घर नहीं है कहां जाएं? पैसे नहीं तो कैसे खरीदें मास्‍क?

पार्किंग में सोए मो. असलम जगाने पर झल्‍लाते हुए सवाल करने लगे, ''कैमूर से कमाने आए हैं, घर नहीं है तो कहां जाएं लॉकडाउन में?'' गंदगी पर भिनभिनाती मक्खियों के बीच उनके आसपास कई कई अन्‍य लोग भी आराम करते मिले। पास ही में एक कुत्‍ता भी सोया पड़ा था। उनके लिए मास्‍क व फिजिकल डिस्‍टेंसिंग की बातें बेमानी थीं। पूछने पर एक भोजपुर की निवासी एक महिला हंसते हुए बोली- ''ई लउकडान में रोटी नइखे मिलत। हम गरीबन मासक कहां से खरीदीं?'' (इस लॉकडाउन में तो रोटी नहीं मिल रही, हम गरीब मास्‍क कहां से खरीदें?

हालांकि, पटना जिला प्रशासन बेघरों के खुले में रहने की बात से इत्‍तफाक नहीं रखता। जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि 10 से अधिक आपदा राहत केंद्र बनाए गए हैं, जहां बेघर लोगों के रहने व भोजन की मुफ्त व्‍यवस्‍था की गई है। फिलहाल इन शिविरों में 10 हजार लोग रोज भोजन कर रहे हैं। बेघर लोगों को यहां रहने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

पटना बैंकों में राशि निकासी को उमड़ रही भारी भीड़

सवाल रोटी का है तो सरकार गरीबों के खाते में रुपये भेज रही है। लेकिन इस राशि की निकासी में क्‍या भीड़ काे इकट्ठा होने से रोकने के प्रबंध किए गए हैं? शनिवार को पटना के बैंकों में भीड़ का प्रबंधन बड़ी समस्‍या दिखी। बिहार में मिले कोरोना पाजिटिव मामलों में एक पटना के दीघा इलाके का भी था। उसी दीघा के सेंट माइकल हाईस्‍कूल स्थित यूको बैंक की शाखा में शनिवार को फिजिकल डिस्‍टेंसिंग के प्रावधान की धज्जियां उड़ती दिखीं। वहां एक-दूसरे पर चढ़ती भीड़ की बाबत लोगों से पूछने पर पता चला कि सरकार के भेजे रुपये खातों में आए हैं। लेकिन भीड़ के प्रबंधन के लिए न तो पुलिस थी, न ही बैंक की तरफ से कोई इंतजाम किए गए थे।

अधिकांश बैंक शाखाओं में फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का प्रबंध

शनिवार को दीघा से आगे हम कुर्जी से अनिसाबाद तक स्‍टेट बैंक सहित कई बैंकों की शाखाओं में भी पहुंचे। अधिकांश जगह फिजिकल डिस्‍टेंसिंग का पूरा ध्‍यान रखा जा रहा था। स्‍टेट बैंक की कुर्जी, सचिवालय व अनिसाबाद शाखाओं में फिजिकल डिस्‍टेंसिंग के प्रावधान का पालन होता दिखा। स्‍टेट बैंक के बिहार के पीआरओ अभय कुमार ने बताया कि बैंक शाखाओं में बेहतर प्रबंध किए गए हैं।

लॉकडाउन में ग्राहकों के काम में कोताही की भी शिकायत

लेकिन बैंकों में लॉकडाउन के दरम्‍यान ग्राहकों के काम में कोताही की शिकायत भी मिली। मसलन, स्‍टेट बैंक की कुर्जी शाखा में ग्राहक के आरटीजीएस करने के आग्रह को शाखा प्रबंधक ने इस कारण मना किया कि वह चेक नहीं ले गया था। हालांकि, शाखा प्रबंधक डेबिट मैंडेट लेकर आरटीजीएस कर सकते थे।

कई अस्‍पतालों में भी फिजिकल डिस्‍टेंसिंग में लापरवाही

लॉकडाउन के रियलिटी चेक में हम शनिवार व रविवार को शहर के कई अस्‍पतालों में भी गए। पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) एवं अस्‍पताल में नर्सों की उपस्थिति बनवाने के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग के प्रावधान का उल्‍लंघन होने की शिकायत मिली। अस्‍पताल में आठ सौ नर्सें तीन शिफ्ट में काम करती हैं। गोपनीयता के आग्रह के साथ उनमें से कई ने बताया कि उपस्थिति दर्ज कराने के दौरान फिजिकल डिस्‍टेंसिंग के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है। हालांकि, इस बाबत पीएमसीएच के अधीक्षक से मोबाइल पर प्रतिक्रिया लेने की कोशिश अभी तक नाकामयाब रही है।

पटना के राजवंशीनगर अस्‍पताल के गेट के बाहर सड़क की दूसरी तरफ मरीजों के परिजनों व अन्‍य लोगों की भीड़ इकट्ठी दिखी। ऐसा ही नजारा कई अन्‍य अस्‍पतालों का भी दिखा।

आम लोगों का भी यह है हाल, हम-आप भी जिम्‍मेदार

लॉकडाउन हमारे व आपके जैसे आम लोग भी तोड़ते दिखे। पटना के राजेंद्र नगर के सब्‍जी विक्रेताओं ने बताया कि ग्राहक सुबह-शाम में एक साथ सब्‍जी आदि लेने आ जाते हैं। इस संबंध में पटना नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार मिश्र कहते हैं कि सब्‍जी विक्रेताओं को मास्‍क पहनने व ग्राहक से दूरी बनाकर रहने की हिदायत दी गई है। साथ ही केवल उन्‍हें ही सब्‍जी देने का आदेश दिया गया है जो मास्‍क पहने हों। आवश्‍यक वस्‍तुओं की खरीदारी नहीं रोकी जा सकती, लेकिन इसमें एहतियात भी जरूरी है।


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