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Bihar Viral Fever Death: एक और बच्‍चे की मौत, पटना में बुखार से बिगड़ी नन्‍हें अयांश की तबीयत

Bihar Viral Fever Death बिहार में वायरल फीवर का कहर थम नहीं रहा। बड़ी संख्‍या में बच्‍चे इसकी चपेट में आ गए हैं। एनएमसीएच में अब तक सात बच्चों की मौत 23 इलाजरत। मुजफ्फरपुर जिले में वायरल बुखार के 122 मरीज। गोपालगंज में 300 बच्चे इलाज को पहुंचे।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 11:22 AM (IST)
Bihar Viral Fever Death: एक और बच्‍चे की मौत, पटना में बुखार से बिगड़ी नन्‍हें अयांश की तबीयत
पटना के एनएमसीएच में वायरल बुखार से एक और मौत। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण टीम। Bihar Viral Fever Death: नालंदा मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (NMCH) के शिशु रोग विभाग में बुधवार को वायरल बुखार पीड़‍ित एक और बच्चे की मौत हो गई। डेढ़ साल का यह बच्चा राजधानी पटना के रामकृष्णा नगर का निवासी था। अब तक वायरल बुखार से एनएमसीएच में सात बच्चों की मौत हो चुकी है। अभी यहां 23 बच्चों का इलाज चल रहा है। वहीं गोपालगंज जिले में बच्चों में वायरल बुखार का प्रकोप जारी है। अब बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। बुधवार को भी सदर अस्पताल के ओपीडी सहित शहर के निजी अस्पतालों मेंं वायरल बुखार से पीडि़त पीडि़त तीन सौ बच्चोंं का इलाज के लिए पहुंचे। 

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अलग-अलग अस्‍पतालों की ओपीडी में पहुंचे 281 बच्‍चे 

इधर, पटना में बुधवार को 281 बच्चे एनएमसीएच, पीएमसीएच, एम्स व आइजीआइएमएस की ओपीडी में पहुंचे। वहीं मुजफ्फरपुर जिले में वायरल बुखार के 122 मरीज इलाजरत हैं। इनमें एसकेएमसीएच में 90 तथा केजरीवाल अस्पताल में 68 भर्ती हैं। एसकेएमसीएच में पिछले 24 घंटे में 10 और केजरीवाल अस्पताल में 36 मरीज भर्ती हुए हैं। इस बीच स्वस्थ होने के बाद एसकेएमसीएच से 36 तो केजरीवाल से 37 बच्चे डिस्चार्ज किए गए हैं। जिले के सभी 16 प्रखंडों में वायरल बुखार का प्रकोप है। 

दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे अयांश की हालत बिगड़ी  

दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्राफी से पीडि़त अयांश की हालत वायरल बुखार के कारण अचानक बिगड़ गई है। तेज बुखार और सांस में तकलीफ के बाद उसे उदयन हास्पिटल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के अधीक्षक डा. कुमार आशीष ने बताया कि आक्सीजन स्तर 80 पर पहुंचने के बाद उसे आइसीयू में रखा गया। इसके बाद बुखार कम होने लगा और हालत में सुधार है। बताते चलें कि स्पाइनल मस्कुलर एस्ट्राफी रोग दस लाख में से किसी एक को होता है और इसका 16 करोड़ रुपये का एक इंजेक्शन है, जिसके लिए स्वजन चंदा कर पैसे एकत्र कर रहे हैं। 


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