बिहार BJP के रहे संकट मोचक रहे अनंत कुमार, विस चुनाव में निभाई चाणक्य की भूमिका
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार नहीं रहे। उनका बिहार से गहरा नाता रहा। बतौर बिहार भाजपा प्रभारी तथा बिहार भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी, उन्होंने खुद को साबित भी किया।
पटना [रमण शुक्ला]। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में दक्षिण भारत के चाणक्य के रूप में मशहूर रहे दिवंगत केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का बिहार से गहरा लगाव था। संगठनात्मक तौर पर पार्टी की अगली पंक्ति के नेताओं के बीच अनंत की छवि संकटमोचक की थी। उन्होंने बिहार भाजपा प्रभारी तथा बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रभारी के रूप में अपनी योग्यता को साबित भी किया था।
निभाईं बिहार भाजपा व विस चुनाव प्रभारी की भूमिकाएं
अनंत की नेतृत्व क्षमता को देखते हुए पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने 2010 में उन्हें बिहार भाजपा का प्रभारी बना कर भेजा था। उन्होंने डॉ. सीपी ठाकुर को बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद संगठन में पैदा हुए बवंडर को बेहद कुशलता से साध कर खुद को साबित भी किया था।
पार्टी 2010 के विधानसभा चुनाव में 102 सीटों पर लड़ी और रिकार्ड 91 सीटों पर जीत हासिल की। बिहार की राजनीति में गहरी पैठ को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया था।
बतौर मंत्री कई जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें घटाईं
अरसे तक पार्टीसंगठन में अनंत के साथ काम करने वाले कई दिग्गज नेताओं की मानें तो संगठनात्मक दृष्टिकोण से अनंत कुमार की कार्य प्रणाली दूसरों के लिए हमेशा प्रेरणा रही। बतौर मंत्री उन्होंने कई जीवन रक्षक दवाओं की कीमतें घटाईं।
बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक गहरी पकड़
दरअसल, भाजपा के संस्थापक नेताओं से लेकर पार्टी पदाधिकारियों व दिग्गज कार्यकर्ताओं बीच गहरी पकड़ रखने वाले अनंत की खासियत यह थी कि तमाम स्तरों पर वे सामान्य-सरल और कुशल संगठनकर्ता के रूप में मशहूर रहे।
पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय कहते हैं कि आम कार्यकर्ता के लिए अनंत का संबंध-संपर्क और हैसियत या पद कभी आड़े नहीं आया। वह व्यक्तित्व, वह जिंदादिली, विरोधी को भी साथ लेकर चलने की वह भावना, वह सज्जनता, वह मानवता शायद निकट भविष्य में देखने को नहीं मिलेगी।