Move to Jagran APP

पटना HC में दायर हुआ अनोखा केस, महिला बोली-गुजारा भत्ता दो, युवक ने कहा-शादी कब की

पटना हाईकोर्ट में एक महिला ने अपने पति को गुजारा भत्ता देने के लिए केस दायर किया है। वहीं पति का कहना है कि मेरी इससे कभी शादी ही नहीं हुई, मैं जानता नहीं तो गुजारा भत्ता कैसा...

By Kajal KumariEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 12:24 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 07:42 PM (IST)
पटना HC में दायर हुआ अनोखा केस, महिला बोली-गुजारा भत्ता दो, युवक ने कहा-शादी कब की
पटना HC में दायर हुआ अनोखा केस, महिला बोली-गुजारा भत्ता दो, युवक ने कहा-शादी कब की

पटना [राज्य ब्यूरो]। हाईकोर्ट में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। रंजना नाम की एक महिला ने पति से गुजारा भत्ता के लिए दावा किया है जबकि पति राजेश का कहना है कि उसकी कभी शादी रंजना से हुई ही नहीं है। यहां तक कि महिला का असली नाम राजनंदिनी है रंजना नहीं ।

prime article banner

कोर्ट ने शनिवार को राजेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए कथित पत्नी को नोटिस जारी किया। अदालत उस कथित पत्नी से जानना चाह रही है कि आखिर माजरा क्या हैै? अगली सुनवाई 12 दिसंबर को निर्धारित की गई है। 

लखीसराय परिवार न्यायालय के फैसले को दी गई है चुनौती

लखीसराय परिवार न्यायालय ने पिछले साल रंजना कुमारी की अर्जी पर 15 जून को एक आदेश पारित कर पति राजेश कुमार सिंह को प्रतिमाह चार हजार रुपए अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देने का आदेश दे दिया। अदालत ने पत्नी द्वारा प्रस्तुत गवाह को सही मान कर यह आदेश दिया। 

याचिका में पूछा गया सवाल 

याचिकाकर्ता की माने तो उसकी शादी कभी रंजना से हुई ही नहीं। वह रंजना है भी नहीं उसका असली नाम राजनंदनी कुमारी है। वह सुरेन्द्र सिंह की बड़ी लड़की है जिसकी शादी विपिन सिंह से हुई है । वह अब रंजना शर्मा बन चुकी है। वह झारखंड राज्य के सिंहभूम जिले में स्थित सिंधु रोड नं. 10 में अपने पति के साथ रहती है।

राजेश का आरोप है कि रंजना ने दो आधार कार्ड बनवा रखा है। हालांकि यह सही है कि कथित रंजना उसके संपर्क में 2011 में तब आयी जब वह संस्कार भारती मिशन में काम करती थी। जहां उसने महज कुछ महीने बाद ही काम को छोड़ दिया।

याचिका में कथित रंजना के उस दावे को भी भ्रामक बताया गया है जिसमें राजेश से एक बच्चा पैदा होकर मर जाने की बात कहीं गई है। यह भी बताया गया था कि वह लड़की का जन्म ऑपरेशन से हुआ था । इस पर राजेश का कहना है यदि ऑपरेशन हुआ तो उसका पेट में दाग भी होगा। उसकी जांच की जानी चाहिए। 

सुनवाई में वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कहा कि गुजारा भत्ता का आदेश तब तक नहीं दिया जाना चाहिए जब तक शादी का संबंध साबित नहीं हो जाए। जिस आधार पर निचली अदालत ने फैसला सुनाया वह कतई विश्वसनीय नहीं है। यह पूरी घटना फरेब की प्रतीत होती है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.