बिहार में कोरोना से हुई मौत पर चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि अटकी, वजह भी जान लें
Bihar CoronaVirus News बिहार में कोरोना से इलाज के दौरान अस्पताल में होने वाली मौत पर चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि सत्यापन में विलंब होने की वजह से मृत व्यक्ति के निकटतम आश्रित को मिलने में काफी विलंब हो जाता है।
राज्य ब्यूरो, पटना: कोरोना से इलाज के दौरान अस्पताल में होने वाली मौत पर चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने के प्रविधान को खूब सराहा गया है परंतु अभी जिला स्तर से सत्यापन में विलंब होने की वजह से मृत व्यक्ति के निकटतम आश्रित को यह राशि मिलने में काफी विलंब हो जाता है। मुख्यमंत्री राहत कोष से यह राशि दी जाती है। राज्य में अभी तक कोरोना संक्रमण के चलते कुल 2392 लोगों की जान चुकी है। हालांकि इनमें से अनुग्रह राशि अभी आधे को भी नहीं मिल सकी है। पिछले साल तक अधिकारियों में अनुग्रह राशि देने की तत्परता दिखती थी। बिना पहल के भी कई मृतकों के आश्रितों को यह राशि दी जा चुकी थी। किंतु इस बार मृतकों की संख्या अधिक होने और लोगों में जागरूकता की कमी की वजह से बहुत कम लोगों को यह राशि मिल रही है।
कैसे मिलती है राशि
अगर किसी व्यक्ति की कोरोना से मौत होती है तो संबंधित अस्पताल इस बाबत बने स्वास्थ्य विभाग के कोविड डैशबोर्ड पर इस सूचना को मृतक के निकटतम आश्रित के आधार नंबर के साथ डालता है। इसके बाद सूचना जिला प्रशासन को दी जाती है। जिला प्रशासन के स्तर पर इसका सत्यापन कराया जाता है। इस प्रक्रिया में काफी विलंब होता है। सत्यापन होने के बाद अनुग्रह अनुदान की राशि कोरोना से मृत व्यक्ति के निकटतम आश्रित के बैैंक खाते में आरटीजीएस या फिर नेफ्ट के माध्यम से स्थानांतरित की जाती है। इस संबंध में आधिकारिक तौर पर बताया गया कि अस्पताल में मरीजों को लेकर व्यस्तता अधिक होने की वजह से इस काम के लिए थोड़ा कम समय मिल रहा है। इस वजह से डैशबोर्ड पर सूचना डालने में कुछ देरी जरूर होती है। बता दें कि संक्रमण बढ़ने के साथ ही अब बिहार में कोरोना से जान गंवाने वालों का सिलसिला बढ़ गया है।