बिहार: लालू के करीबी मगर राजद के डार्क हॉर्स थे अमरेंद्र धारी सिंह, मीसा को 2024 का चुनाव जिताने की थी जिम्मेदारी
ईडी द्वारा गिरफ्तार राज्य सभा सांसद अमरेंद्र धारी सिंह का नाम 2020 में लोगों ने तब सुना जब राजद ने इन्हें राज्य सभा भेजने का एलान किया। खुद राजद के कई नेताओं ने भी इनका नाम नहीं सुना था। इन्हें राज्य सभा भेजने के पीछे लालू की यह थी रणनीति
पटना, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में गुरुवार ( तीन जून ) को फर्टिलाइजर घोटाले के आरोप में गिरफ्तार अमरेंद्र धारी सिंह को राजद प्रमुख लालू प्रसाद का करीबी माना जाता है। राज्यसभा सदस्य बनाए जाने से पहले बिहार में उनकी कोई खास पहचान नहीं थी। खुद उनकी ही पार्टी में कई लोग उन्हें नहीं जानते थे। लालू यादव के निर्देश पर एक खास रणनीति के तहत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भूमिहार जाति के अमरेंद्र धारी को राज्यसभा भेजा था। कहा जाता है कि दिल्ली से प्रकाशित एक उर्दू दैनिक में अमरेंद्र धारी सिंह का पैसा लगा हुआ है। वे एक बड़े कारोबारी हैं। उनका रियल इस्टेट और 13 देशों में फर्जिलाइजर एंड कैमिकल्स एक्सपोर्ट का बिजनेस है।
सियासी हलके में गुमनाम थे एडी सिंह
साल 2020 में जब राजद ने अमरेंद्र धारी सिंह का नाम राज्य सभा प्रत्याशी के तौर पर एलान किया तब सत्ता के गलियारे में इनके बारे में फुसफुसाहट शुरू हो गई। हर कोई जानना चाहता था कि आखिर एडी सिंह हैं कौन? सियासी हलके में अमरेंद्र धारी सिंह का नाम बिल्कुल नया था। ताज्जुब की बात यह थी कि राजद के कई नेताओं को भी अमरेंद्र धारी सिंह के बारे में जानकारी नहीं थी। हालांकि राजद के रणनीतिकार और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका परिचय देते हुए कहा था कि वे सामाजिक कार्यकर्ता और समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। अब सवाल यह उठता है कि किस रणनीति के तहत अमरेंद्र धारी सिंह को राज्य सभा का प्रत्याशी बनाया गया ...
एक तीर दो निशाना
बात कुछ इस तरह चली कि राजद को माय (मुस्लिम यादव) समीकरण से बाहर निकालने के मकसद से महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद नए दौर की राजनीति में कदम रख रहा है। इस रणनीति के तहत भूमिहार जाति के एडी सिंह को राज्य सभा का टिकट देकर पार्टी ने बड़ा संदेश दिया है। हालांकि माना यह भी जाता है कि लालू यादव की बड़ी पुत्री मीसा भारती को आगामी पार्लियामेंट्री इलेक्शन 2024 में जिताने के लिए राजद ने रणनीति बनाई है। दरअसल, मीसा भारती पाटलिपुत्र सीट से दो बार बीजेपी के उम्मीदवार राम कृपाल यादव से लोकसभा का चुनाव हार चुकी थी। बिक्रम, नौबतपुर और पालीगंज के वोट लोकसभा चुनाव में इस सीट के लिए जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इन क्षेत्रों में एडी सिंह की कई संपत्ति होने के नाते वे प्रभावी माने जाते हैं। ये इलाके भूमिहार बाहुल्य भी हैं। सो एडी सिंह एक तीर से दो निशाने पर बिल्कुल फिट बैठते थे।
बता दें कि आज ईडी ने एडी सिंह के दिल्ली, मुम्बई और हरियाणा सहित 13 ठिकानों पर छापेमारी के बाद दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी से उन्हें गिरफ्तार किया है। एडी सिंह बिक्रम प्रखंड के रहनेवाले हैं। पटना के पाटलिपुत्र कॉलोनी में भी उनका आलीशान मकान है। पालीगंज में भी उनकी बेशकीमती जमीन और मकान है।
यह भी पढ़ें