राज्यसभा चुनाव बिहार: सभी छह उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित
बिहार से राज्यसभा की खाली हुई छह सीटों के लिए हुए चुनाव में सभी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए। जितनी सीटें थी, उतने ही पर्चे भी भरे गए। इसलिए चुनाव की नौबत नहीं आयी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार से राज्यसभा की छह सीटों पर सभी प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। जितनी सीटें थी, उतने ही पर्चे भी भरे गए थे। सातवां दावेदार सामने नहीं आया था। इसलिए मतदान की नौबत नहीं आयी।
भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, जदयू से वशिष्ठ नारायण सिंह और महेंद्र प्रसाद सिंह, राजद से मनोज झा और अशफाक करीम एवं कांग्रेस से अखिलेश प्रसाद सिंह ने विधानसभा सचिव आरएस राय के समक्ष नामांकन किया था। मंगलवार को पर्चों की जांच की गई। सबके पर्चे वैध पाए गए और सभी प्रत्याशियों की जीत का एलान कर दिया गया। विधानसभा के सचिव ने सभी को जीत का सर्टिफिकेट दिया। सर्टिफिकेट लेने के बाद एनडीए के तीनों सांसद सीएम नीतीश से मिलने पहुंचे।
सातवीं बार महेंद्र सिंह पहुंचे उच्च सदन
जदयू से महेंद्र सिंह सातवीं बार राज्यसभा पहुंचे। जबकि वशिष्ठ नारायण सिंह तीसरी बार राज्यसभा गए। भाजपा से रविशंकर प्रसाद लगातार चौथी बार उच्च सदन के सदस्य बने। राजद से मनोज झा और अशफाक करीम को पहली बार को पहली बार मौका मिला। इसी तरह कांग्रेस से अखिलेश सिंह भी राज्यसभा सदस्य बन गए। इससे पहले वह लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।
दोनों गठबंधनों को मिली तीन-तीन सीटें
महज छह प्रत्याशियों के नामांकन से दोनों गठबंधनों के हिस्से में तीन-तीन सीटें आयी। राजद एवं जदयू के खाते में दो-दो और भाजपा एवं कांग्रेस के खाते में एक-एक सीट आसानी से आ गई। खाली होने वाली सभी छह सीटें सत्तारूढ़ गठबंधन की थी। इस तरह से देखा जाये तो राजद-कांग्रेस को तीन सीटों का फायदा हुआ। इससे पहले कांग्रेस का बिहार से राज्यसभा में एक भी नुमाइंदा नहीं था।
अपने तीन उम्मीदवारों के राज्यसभा में चुने जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन के तीनों सांसद बिहार की आवाज को राज्यसभा में रखेंगे। मनोज झा और अशफाक करीम राजद की ओर से आवाज उठायेंगे तो अखिलेश कांग्रेस की आवाज बुलंद करेंगे।