अरे! ये क्या बोल गईं अक्षरा सिंह-निरहुआ ठीक हैं, मैं रणवीर सिंह के साथ रोमांस करना चाहती
भोजपुरी फिल्मों की फेमस अदाकारा अक्षरा सिंह ने कहा है कि वो बड़े पर्दे पर रणवीर सिंह के साथ रोमांस करना चाहती हैं और निरहुआ उनके फेवरिट हैं।
पटना, जेएनएन। भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री की शीर्ष अभिनेत्री अक्षरा सिंह को बॉलीवुड स्टार रणवीर सिंह बहुत पसंद हैं और वो उनके साथ बड़े पर्दे पर रोमांस करना चाहती हैं, लेकिन उनके फेवरिट दिनेश लाल यादव निरहुआ हैं। निरहुआ के बारे में अक्षरा ने कहा कि दिनेश लाल यादव निरहुआ को उम्दा अभिनेता हैं।
बॉलीवुड फिल्मों में काम करने के सवाल पर अक्षरा ने कहा कि अच्छा किरदार हिंदी में भी मिले तो क्यों नहीं करूंगी। पर, अपनी शर्तों पर काम करूंगी। ऑफर आए भी हैं लेकिन अभी कोई पसंद का नहीं है। इसलिए नहीं किया। अक्षरा इससे पहले सर्विस वाली बहू धारावाहिक कर चुकी हैं, जिसमें उनके किरदार को खूब पसंद किया गया था।
भोजपुरी फिल्मों से अश्लीलता खत्म करने की लड़ाई लड़ रहीं अक्षरा
इन दिनों भोजपुरी फिल्मों से अश्लीलता को खत्म करने के लिए लगातार लड़ाई लड़ रही हैं। ऐसे में अक्षरा का कहना है कि इस मिशन में काफी हद तक सफलता मिली है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बिना फिल्में देखे किसी को यह आरोप लगाने का कोई हक भी नहीं है। लेकिन आज भी कुछ लोग ऐसा करते हैं और भोजपुरी सिनेमा को अश्लील बता देते हैं।
गुस्से में अक्षरा ने कहा-मै हमेशा अपनी लड़ाई जारी रखूंगी
अक्षरा ने कहा कि मैं बेहतर सिनेमा के लिए हमेशा ही अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। कोई भी चीज एक दिन में नहीं बदल जाती। पर, प्रयास तो करना पड़ता है। हम सिर्फ दोष नहीं दे सकते। आरोप नहीं लगा सकते। यहां ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने आज तक भोजपुरी फिल्में नहीं देखीं लेकिन वे भी आरोप लगा देते हैं कि भोजपुरी में तो केवल अश्लीलता है। अरे भाई, पहले फिल्म तो देखिए।'
अक्षरा ने कहा-लोगों को फिल्मों को लेकर सोच बदलने की जरूरत
अक्षरा ने कहा कि भोजपुरी फिल्मों को लेकर हमें सोच बदलने की जरूरत है। कई निर्देशक और निर्माता अच्छी फिल्में बना रहे हैं, लेकिन सोच के कारण दर्शक देखने से पहले ही मान लेते हैं कि फिल्म में तो गंदगी ही होगी। यही वजह है कि अच्छे दर्शक नहीं मिल रहे और जो मिल रहे हैं, कई निर्माता उनके लिए, उसी तरह की फिल्म बना रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि एक दर्शक होने के नाते और भोजपुरी समाज से होने के नाते क्या आप लोगों का कोई दायित्व नहीं बनता। सवाल उठा रहे हैं तो रास्ता भी तो दिखाइए। सिर्फ एक अक्षरा सबको नहीं बदल सकती।