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पटना में अजब हालः पालीगंज अस्पताल में एक माह से डॉक्टर, दानापुर से दो कर्मी गायब

अनुमंडलीय अस्पताल पालीगंज में 16 नवंबर से चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राज नारायण गैर हाजिर हैं। छह कर्मी भी निरीक्षण के क्रम में अनुपस्थित पाए गए। दानापुर अनुमंडल अस्पताल से भी जन्म पंजीकरण कक्ष से दो कर्मी गायब पाए गए।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 10:25 AM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 10:25 AM (IST)
पटना में अजब हालः पालीगंज अस्पताल में एक माह से डॉक्टर, दानापुर से दो कर्मी गायब
पटना के दानापुर अस्पताल का निरीक्षण करते अनुमंडलाधिकारी

जागरण संवाददाता, पटना: अनुमंडलीय अस्पताल पालीगंज में 16 नवंबर से चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राज नारायण गैर हाजिर हैं। छह कर्मी भी निरीक्षण के क्रम में अनुपस्थित पाए गए। दानापुर अनुमंडल अस्पताल से भी जन्म पंजीकरण कक्ष से दो कर्मी गायब पाए गए। अनियमितता का ये मामला अनुमंडलीय अस्पतालों का निरीक्षण के क्रम में सामने आया। अन्य कई तरह की अनियमितताएं भी पाई गई हैं। डीएम कुमार रवि ने अनुमंडल पदाधिकारियों को स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।

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अनुपस्थित कर्मियों से स्पष्टीकरण

निर्देश के बाद सोमवार को अस्पतालों का औचक किया गया। पटना सदर, दानापुर, पालीगंज, मसौढ़ी एवं पटना सिटी अनुमंडल में अस्पतालों की जांच की गई है। निरीक्षण के बाद रिपोर्ट के आधार पर अनुपस्थित कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछने और स्वास्थ्य सेवा में सुधार का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया है। पटना सिटी अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में सभी चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मी उपस्थित पाए गए।

पालीगंज में डॉक्टर सहित छह कर्मी अनुपस्थित

अनुमंडलीय अस्पताल पालीगंज के निरीक्षण के क्रम में चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर राज नारायण सहित छह कर्मी अनुपस्थित पाए गए। चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजनारायण 16 नवंबर से लगातार अनुपस्थित पाए गए हैं। अनुमंडलीय अस्पताल दानापुर का निरीक्षण के क्रम में  साफ सफाई में लापरवाही पाई  गई है। अस्पताल परिसर के प्रसव कक्ष में चिकित्सक एवं जीएनएम अपनी ड्यूटी पर तैनात पाए गए। टीकाकरण केंद्र में भी कर्मी उपस्थित पाए गए। जन्म पंजीकरण कक्ष में दो कर्मी अनुपस्थित पाए गए हैं। दानापुर अनुमंडलीय अस्पताल में ईसीजी मशीन वर्तमान में नहीं है। एक्स रे मशीन का देखरेख आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलता है। बताते चलें कि पटना के अस्पतालों में ऐसी स्थिति पहले भी देखने को मिली है। हॉस्पिटल की कुव्यवस्था से पहले भी मरीजों की जान जाती रही है। कई बार लोगों ने इसको लेकर प्रशासन से शिकायत भी की है, मगर सुनवाई न होने की वजह से समस्या बढ़ती जा रही है। 


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