Move to Jagran APP

पटना की हवा लगातार दो दिनों से सबसे जहरीली, गंगा से भी इसका सीधा कनेक्‍शन

देश के प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्‍ता के आंकड़ों के विश्‍लेषण के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। पटना में वायु प्रदूषण सर्वाधिक तो है ही इसका स्‍तर पूरे साल सामान्य नहीं रहा।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 07:28 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 10:17 PM (IST)
पटना की हवा लगातार दो दिनों से सबसे जहरीली, गंगा से भी इसका सीधा कनेक्‍शन
पटना की हवा लगातार दो दिनों से सबसे जहरीली, गंगा से भी इसका सीधा कनेक्‍शन

पटना [जेएनएन]। बिहार के शहरों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) की स्थिति बेहद खराब दिख रही है। मंगलवार को लगातार दूसरे दिन पटना की हवा देश में सबसे खराब रही। मुजफ्फरपुर में भी वायु प्रदूषण का स्‍तर लगातार दूसरे दिन देश में नंबर टू पर रहा। हवा में नमी और कोहरे के कारण पीएम 2.5 (PM 2.5) का स्तर बढ़ गया। उधर, पटना की तुलना में दिल्ली और आसपास के शहरों की हवा में प्रदूषण का स्तर घटा।

loksabha election banner

पटना की बात करें तो बुधवार को भी स्थिति में सुधार नहीं दिख रहा। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की रिपोर्ट के अनुसार पटना की वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) अत्यधिक खराब होने का बड़ा कारण गंगा (Ganges) की धारा का शहर से दूर होना है।

लगातार दूसरे दिन सबसे खराब रही पटना की हवा

मंगलवार को लगातार दूसरे दिन पटना (Patna) की हवा देश में सबसे खराब रिकॉर्ड की गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मंगलवार को जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में पटना में पीएम 2.5 का स्तर 416 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) 405 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के साथ देश में दूसरे स्थान पर रहा।

गंगा की धारा का शहर से दूर होना बड़ा कारण

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की रिपोर्ट के अनुसार पटना की वायु गुणवत्ता अत्यधिक खराब होने का बड़ा कारण गंगा की धारा का शहर से दूर होना है। दीघा से काली घाट तक शहर के किनारे चार किलोमीटर तक बालू ही बालू निकल आया है। हिमालय (Himalaya) से आने वाली हवा गंगा के बालू को साथ लेकर शहर की ओर आती है। इसका कोई उपाय नहीं निकल सका है। पटना शहरी क्षेत्र में बालू खनन (Sand Mining) तो जरूर बंद हुआ है, लेकिन इसका खुले में परिवहन (Transportation) जारी है।

वाहनों के अत्यधिक दबाव से भी बढ़ा प्रदूषण

इसके अलावा राजधानी की सड़कों पर वाहनों का अत्यधिक दबाव भी प्रदूषण का बड़ा कारण है। पुरानी गाडिय़ों (Old Vehicles) का परिचालन वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है।

पैसों के अभाव में अटकी पड़ी हरित पट्टी योजना

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने रेत पर हरित पट्टी (Green Zone) की योजना तैयार की है। हरित पट्टी के लिए 117 तरह के पेड़-पौधे लगाने का प्रस्ताव है। जलवायु परिवर्तन (Climatic Change) को ध्यान में रखते हुए ऐसे पेड़-पौधे लगाने का प्रस्ताव, जिसकी उंचाई तीन से 20 मीटर तक हो सकती है। यह योजना भी पैसे के अभाव में अटकी हुई है।

साल में एक दिन भी सामान्य नहीं रही हवा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हवा में पीएम 2.5 का स्तर 60 से 90 माइक्रोग्राम तक सामान्य श्रेणी मानता है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक के अनुसार, पीएम 2.5 का वार्षिक औसत 40 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। बीते एक साल के दौरान एक दिन भी पटना और मुजफ्फरपुर की हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक स्तर पर दर्ज नहीं की जा सकी है।

ये हैं वायु प्रदूषण की तीन प्रमुख वजहें

1. शहर के उत्तरी हिस्से में औसत तीन किलोमीटर तक गंगा के किनारे की रेत

2. शहरी क्षेत्र में निर्माण एवं विध्वंस कार्यस्थल पर पानी का छिड़काव नहीं

3. राजधानी की सड़कों पर वाहनों का अत्यधिक दबाव, ट्रैफिक जाम (Trafic jam)की समस्या


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.