एम्स बना कोविड अस्पताल, अब केवल संक्रमितों का इलाज
पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स अब कोविड अस्पताल बन गया है। यहां अब केवल कोरोना मर
पटना। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स अब कोविड अस्पताल बन गया है। यहां अब केवल कोरोना मरीजों का ही उपचार होगा। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया।
अपर सचिव कौशल किशोर ने एम्स प्रशासन को जल्द ही सामान्य मरीजों की संख्या में कमी लाने के लिए अपने स्तर से कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। बताया जाता है कि एम्स प्रशासन ने ही सरकार को कोरोना अस्पताल बनाने के लिए प्रस्ताव दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसे अनुमोदित करते हुए सहमति दे दी।
-------
80 आसीयू व लगभग एक हजार बेड का है एम्स
एम्स के आइसीयू में 80 व लगभग एक हजार सामान्य बेड उपलब्ध हैं। इससे संक्रमित मरीजों को भर्ती कर इलाज करने में आसानी होगी। जरूरतमंद मरीजों को आइसीयू में भर्ती करने के साथ-साथ वेंटिलेटर पर भी रखा जा सकता है। जासं, पटना: कोरोना मरीजों के लिए बेड की संख्या कम होते ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ने और बेड बढ़ाने का निर्णय लिया है। निदेशक डॉ. पीके सिंह ने बताया कि मरीजों के लिए समय-समय पर जरूरत के अनुसार बेड बढ़ाएं जाएंगे।
वर्तमान में 175 बेड पर कोरोना मरीजों का उपचार चल रहा था, इसे बढ़ाकर चार सौ कर दिया गया है। यदि और बेड की जरूरत पड़ती है तो वार्ड को विस्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इमरजेंसी में भी पहुंचने वाले मरीजों को कोरोना संदिग्ध मानकर ही उपचार किया जा रहा है। ऐसे में आवश्यकता अनुसार बेड समय-समय पर बढ़ाए जाएंगे।
ओपीडी पर फैसला नहीं, जारी रहेगी इमरजेंसी : एम्स की ओपीडी पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। इमरजेंसी जारी रहेगी। सभी डॉक्टर पीपीई कीट पहनकर उपचार कर रहे हैं, ताकि ऐसे संक्रमण को कम किया जा सके।
- स्वास्थ्य विभाग ने जारी की अधिसूचना, सामान्य मरीजों की संख्या में कमी लाने का निर्देश