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वशिष्‍ठ नारायण के बाद अब आरसीपी ने प्रशांत किशोर को धो डाला, कह दिया अनुकंपा वाला नेता

बिहार के राजनीतिक गलियारे में पीके नाम से फेमस प्रशांत किशोर पर अब जदयू का चौतरफा हमला शुरू हो गया है। वशिष्‍ठ नारायण सिंह के बाद अब आरसीपी सिंह ने जोरदार हमला किया है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 10:18 PM (IST)
वशिष्‍ठ नारायण के बाद अब आरसीपी ने प्रशांत किशोर को धो डाला, कह दिया अनुकंपा वाला नेता
वशिष्‍ठ नारायण के बाद अब आरसीपी ने प्रशांत किशोर को धो डाला, कह दिया अनुकंपा वाला नेता

पटना, जेएनएन। बिहार के राजनीतिक गलियारे में पीके नाम से फेमस प्रशांत किशोर पर अब जदयू का चौतरफा हमला शुरू हो गया है। वशिष्‍ठ नारायण सिंह के बाद अब आरसीपी सिंह ने जोरदार हमला किया है। शुक्रवार को जदयू के राष्‍ट्रीय महासचिव व राज्‍यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने बिना नाम लिये प्रशांत किशोर काे धो डाला। यहां तक कि उन्‍हें अनुंकपा वाला नेता तक कहा। आरसीपी ने यह भी कहा कि केवल ट्वीट करने से काम नहीं चलता है।   

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जदयू के वरीय नेता आरसीपी सिंह शुक्रवार को पूरे तेवर में दिखे। मीडिया की ओर से प्रशांत किशोर के बारे में जब सवाल किया तो उनका आक्रोश बाहर आ गया। बिना नाम लिये उन्‍होंने पीके को सबकुछ कह दिया। उन्‍होंने कहा कि वे जदयू में अनुकंंपा पर हैं। कौन नहीं जानता है कि वे (पीके) किनके लिए काम करते हैं। उन्‍होंने कहा कि पीके की कोई राजनीतिक जमीन नहीं है।

आरसीपी ने कहा कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को काफी सम्‍मान दिया।  पीके ने संगठन के लिए कौन सा काम किया है। केवल ट्वीट करने से काम नहीं चलता है। दरअसल, हमारी पार्टी में दो तरह के नेता हैं एक काम करने वाले, दूसरा अनुकंपा वाले। अनुकंपा वाले नेताओं को पार्टी में काम नहीं दिखता है तो वे बाहर का रास्‍ता देखे, उन्‍हें रोका कौन है। जदयू के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष पद को लेकर मीडिया ने पूछा तो आरसीपी ने कहा कि पीके इस पद पर नहीं हैं। 

गौरतलब है कि इन दिनों प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ जमकर बरसे रहे हैं। पिछले चार दिनों में वे लगातार चार ट्वीट कर चुके हैं। यहां तक कि शुक्रवार को पीके ने फिर ट्वीट किया और कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक से संविधान को बचाने की जिम्‍मेवारी देश के 16 प्रदेशों के गैर भाजपा सरकार के मुख्‍यमंत्रियों का है। पंजाब, केरल व पश्चिम बंगाल के सीएम ने नो कैब नो एनआरसी कह चुके हैं। अब बाकी के सीएम को स्‍टैंड क्लियर करने की जरूरत है। 


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