राजेंद्र नगर स्टेशन पर हंगामे के बाद ट्रेन यात्रियों की अटकी रही सांसें, प्लेटफार्म पर भी अफरातफरी
राजेंद्र नगर स्टेशन पर सोमवार को छात्रों का कब्जा होते ही ट्रेनें जहां थीं वहीं रुक गईं। अप और डाउन दोनों लाइन पर परिचालन बंद होने और छात्रों के हंगामा करने की सूचना पर यात्रियों की सांसें अटकी रहीं।
पटना, जागरण संवाददाता। राजेंद्र नगर स्टेशन पर छात्रों का कब्जा होते ही ट्रेनें जहां थीं, वहीं रुक गईं। अप और डाउन दोनों लाइन पर परिचालन बंद होने और छात्रों के हंगामा करने की सूचना पर यात्रियों की सांसें अटकी रहीं। आरा सहित दूसरे स्टेशनों पर छात्रों के जमा होने की सूचना पर यात्रियों की परेशानी बढ़ गई। आनन-फानन में स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाई गई। बख्तियारपुर में तीन नंबर प्लेटफार्म पर राजगीर दानापुर इंटरसीटी एक्सप्रेस खड़ी रही। बिहटा स्टेशन पर डाउन मेन लाइन में शाम छह बजे काशी-पटना एक्सप्रेस एवं लूप डाउन लाइन पर पटना आरा पैसेंजर खड़ी रही।
मोकामा, फतुहा, बाढ़, दानापुर आदि स्टेशनों पर भी यात्री परिचालन होने का घंटों इंतजार करते रहे। छात्रोंं के हंगामे के दौरान चार दर्जन से अधिक ट्रेनों को जहां-तहां रोककर रखना पड़ा। बाद में कुछ ट्रेनों को डायवर्ट कर भेजा गया। विक्रमशिला एक्सप्रेस को किउल से गया होते हुए आनंदविहार टर्मिनल भेजा गया। इसके साथ ही कुछ ट्रेनों को पाटलिपुत्र होकर वाया शाहपुर पटोरी, बरौनी भेजा गया।
तीन घंटे इंतजार के बाद मिली ट्रेन रद होने की जानकारी
पटना जंक्शन पर ट्रेन खुलने का इंतजार कर रहे यात्रियों ने बताया कि वे लोग शाम छह बजे से ही राजधानी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए पटना जंक्शन पहुंच गए थे। काफी देर तक इंतजार करने के बाद ट्रेन के रद होने की सूचना दी गई। इसके बाद टिकट वापसी के लिए जब काउंटर पर पहुंचे तो बताया गया कि अब टिकट वापस नहीं होगी। ट्रेन के छूटने का समय बीत चुका है। इसके बाद यात्रियों ने इसकी शिकायत स्टेशन प्रबंधक से की। दानापुर कंट्रोल से टिकट वापसी का संदेश आने के बाद यात्रियों का टिकट वापस होने लगा। जहानाबाद के शंभू प्रसाद ने कहा कि तीन घंटे ट्रेन का इंतजार करने के बाद बताया गया कि रद है। अब रात में परिवार के साथ जहानाबाद लौटना मुश्किल लगा। स्टेशन के सटे होटल में ही रात बिताने का निर्णय लेना पड़ा।
भोजन के लिए स्टेशन पर भटकते रहे
हावड़ा से दिल्ली जा रहे पूर्वा एक्सप्रेस के यात्री फतुहा स्टेशन पर ही रुके रहे। फतुहा स्टेशन पर नई दिल्ली जाने वाली मगध एक्सप्रेस, मधुपुर आनंद विहार दुरंतो एक्सप्रेस भी खड़ी थी। एक साथ तीन-तीन ट्रेनों के घंटों खड़ी रहने के बाद इस स्टेशन पर खाना तो दूर पानी मिलना भी मुश्किल हो गया। पहली बार यात्रियों को पैंट्री कार की कमी महसूस हुई। कई ऐसे यात्री थे जिन्होंने पटना जंक्शन पर भोजन का आर्डर दे रखा था। परंतु छह घंटे तक फतुहा में ही ट्रेन रुकी रही। इसके कारण उन्हें भूखे ही रहना पड़ा। भोजन के नाम पर उन्हें बिस्कुट से ही संतोष करना पड़ रहा था। कई यात्री बाजार से खाने-पीने का सामान ले रहे थे। यही हाल बख्तियारपुर स्टेशन की भी थी।
छोटे स्टेशनों पर भी रुकीं रहीं ट्रेनें
आरा में भी छात्रों द्वारा बवाल किए जाने के कारण कई ट्रेनें बिहटा, दानापुर व फुलवारीशरीफ के साथ ही कोइलवर, सदीसोपुर, नेउरा, कुल्हडिय़ा, बिहियां, रघुनाथपुर, बक्सर समेत कई छोटी-बड़ी स्टेशनों पर रुकी रहीं। बड़े स्टेशनों पर यात्रियों को खाने-पीने का सामान मिल भी जा रहा था, छोटे स्टेशनों पर काफी परेशानी हो रही थी।
जहां-तहां ट्रेनों के फंस जाने के कारण यात्री घंटों छोटे-छोटे स्टेशनों पर फंसे रहे। उनके घर आने में हो रहे विलंब व ट्रेन परिचालन बाधित होने की सूचना मिलने के बाद उनके परिजन परेशान रहे। कई महिलाएं व बच्चे अकेले ही ट्रेन से आ रहे थे, उनके परिजन पटना जंक्शन पर पहुंचकर इंतजार कर रहे। टाटा-पटना बख्तियारपुर में फंसी रही।