तेजस्वी के बाद अब कुशवाहा ने नीतीश सरकार को घेरा, कहा- बिहार में विधि व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं
बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर नीतीश सरकार को घेरा है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में इन दिनों अपराध चरम पर है। इसे लेकर विपक्ष लगातार हमला कर रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बाद अब रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर नीतीश सरकार को घेरा है। उन्होंने नीतीश सरकार के 15 साल के कार्यकाल का लालू के कार्यकाल से तुलना की तथा कहा कि सरकारी आंकड़े सत्ता पक्ष के दावों को कठघरे में खड़ा करती है।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में विधि व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। आए दिन हत्याएं हो रही हैं। ऐसा लग रहा है जैसे अपराधियों को खुली छूट मिल गई है।
उन्होंने कहा कि सवाल करने पर सत्ताधारी दल के नेताओं द्वारा 15 साल पहले की स्थिति का हवाला दिया जाता है। कहा जाता है कि लालू प्रसाद के कार्यकाल में विधि व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब थी, मगर सरकारी आंकड़े दूसरी ही कहानी बताते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में 1,04,778 संज्ञेय अपराध रिकार्ड किए गए थे, जबकि 2014 में यह संख्या बढ़कर 1,95,024 हो गई। 2018 में 2,62,802 संज्ञेय अपराध हुए जो कि लालू प्रसाद के कार्यकाल की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। इस वर्ष हत्या की घटनाओं में हर माह इजाफा हो रहा है। जनवरी में 212, फरवरी में 221, मार्च में 292, अप्रैल में 222 और मई में 330 हत्या की घटना हुई है।
कुशवाहा ने कहा कि आज पुलिस कर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं। इस सप्ताह छपरा में दो पुलिस कर्मियों की हत्या इसका उदाहरण है। पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. जगन्नाथ मिश्रा के अंतिम संस्कार के समय सलामी देने के क्रम में एक भी पुलिस राइफल से गोली नहीं चल पाई। ऐसे हथियार से पुलिस क्या अपराधियों का मुकाबला कर सकेगी।
बता दें कि इसके पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा था कि बिहार की लचर कानून व्यवस्था अब मरणासन्न अवस्था में पहुंच चुकी है। पुलिस का काम बस सरकारी आकाओं की राजनीति को पंख देने, उनके इशारे पर नाचने, ब्रजेश ठाकुर जैसे बलात्कारियों, क़ातिलों और माफ़ियाओं का संरक्षण देने का ही रह गया है।बिहार में हत्या, अपहरण, बलात्कार, फिरौती, रंगदारी और हर तरह के काले कारनामे सत्ता संरक्षण में फल-फूल रहे हैं। इस भयावह माहौल में आम आदमी सहम सहम कर अपनी जान बचाते गुजर बसर करने को विवश है।छपरा में दारोगा और हवलदार की सरेआम बीच बाज़ार में सुनियोजित तरीके से बेखौफ अपराधियों ने घेरकर गोलियों से भून दिया। कुछ दिन पहले एक रिटायर्ड डीआइजी की उनके परिवार के सामने ही गुंडों ने सरेआम पिटाई कर दी। अब तो राज्य के डीजीपी खुद कह रहे हैं कि अपराधी कभी भी उन्हें गोली मार सकते हैं।