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13 सुसाइड नोट लिखकर पहले पत्नी और बेटे की हत्या की, फिर खुद लगा ली फांसी

बिहार के रोहतास जिले के एक इंजीनियर ने पहले पत्नी और बेटे की हत्या की और फिर खुद भी फांसी से लटककर जान दे दी। मरने से पहले उसने 13 सुसाइड नोट लिखा था।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 21 Feb 2018 01:31 PM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 11:13 PM (IST)
13 सुसाइड नोट लिखकर पहले पत्नी और बेटे की हत्या की, फिर खुद लगा ली फांसी
13 सुसाइड नोट लिखकर पहले पत्नी और बेटे की हत्या की, फिर खुद लगा ली फांसी

पटना [जेएनएन]। जमशेदपुर के बारीडीह स्थित विजया गार्डेन में सोमवार की देर रात 39 वर्षीय इंजीनियर निशांत वैभव ने पहले अपनी पत्नी 34 वर्षीय पूर्णिमा वैभव की हत्या की और फिर छह वर्षीय बेटे अक्षत की हत्या कर खुद को भी फांसी लगा ली। घरवालों के मुताबिक मंगलवार को वैभव व पूर्णिमा की शादी की सातवीं सालगिरह थी।

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निशांत वैभव मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के नासरीगंज के रहने वाले थे, उनकी पत्नी पूर्णिमा का मायका बिक्रमगंज था। निशांत टाटा स्टील में ठेकेदारी का काम करते थे और उनकी तारानंद इंजीनियरिंग सर्विसेज नाम से कंपनी थी, जो कन्वेयर बेल्ट मेंटेनेंस का काम करती है। 

पुलिस के मुताबिक घटना से पहले वैभव ने 13 सुसाइड नोट लिखे थे। निशांत की मानसिक स्थिति और आत्महत्या का कारण पारिवारिक कलह बताया जा रहा है। उसने सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि उसकी वजह से उसके माता-पिता को लोगों की बहुत बातें सुननी पड़ रही थी और इन सबकी वजह से वह जिंदा लाश बन गया था। 

निशांत जमशेदपुर के विजया गार्डेन के सनफ्लावर ब्लॉक के तीसरे तल्ले के फ्लैट में रहता था। उनके फ्लैट के ठीक सामने वाले वाले फ्लैट में ही उनके पिता एनके सिंह और मां तारामनी देवी बेटी के साथ रहती हैं। निशांत के बड़े भाई निराला किसलय वायु सेना से सेवानिवृत्त हैं और वो भी उसी कॉलोनी के लिली अपार्टमेंट में रहते हैं।

सोमवार की रात निशांत की शादी की सालगिरह को लेकर परिवार के सभी लोगों का भोजन निशांत के ही फ्लैट में होना था। रात के 10 बजे भोजन के बाद निशांत अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अपने कमरे में चले गए। सुबह बेटे अक्षत की बारीडीह स्थित जमशेदपुर पब्लिक स्कूल में यूकेजी की परीक्षा थी। सुबह 7.50 बजे जब कमरे से कोई आहट नहीं आई तो निशांत की मां फ्लैट में आईं।  

निशांत के कमरे के दरवाजे को धक्का देकर दादी तारामनी अंदर घुसी तो सामने कुर्सी रखी हुई थी। अंदर तीनों कमरों के दरवाजे खुले थे। बाएं तरफ वाले कमरे में बेटे निशांत की लाश फंदे से लटक रही थी। उसे देखते ही वह चीखती हुए बाहर निकलीं। उनकी चीख सुनकर निशांत के पिता भी फ्लैट में आए और दौड़कर अंदर जाकर देखा।

सबने जब दूसरे कमरे में तो पूर्णिमा और अक्षत का शव बिस्तर पर पड़ा था। स्थानीय लोगों की मदद से लोगों ने मिलकर निशांत के शव को फंदे से नीचे उतारा। पुलिस को इसकी सूचना दी गई। पुलिस ने आकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और तहकीकात कर रही है। 


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