Move to Jagran APP

भाभी से अवैध संबंध बनने के बाद बड़ा भाई बन रहा था रोड़ा, सुपारी किलर हायर कर करा दी हत्या

पटना में टीपीएस कॉलेज के प्रोफेसर की हत्या उन्हीं के छोटे भाई ने कराई थी। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि भाभी से अवैध संबंध बनने के बाद वारदात को अंजाम दिया गया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 09:13 AM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 09:13 AM (IST)
भाभी से अवैध संबंध बनने के बाद बड़ा भाई बन रहा था रोड़ा, सुपारी किलर हायर कर करा दी हत्या
भाभी से अवैध संबंध बनने के बाद बड़ा भाई बन रहा था रोड़ा, सुपारी किलर हायर कर करा दी हत्या

पटना, जेएनएन। बिहार की राजधानी में पुलिस ने एक प्रोफेसर की हत्या का खुलासा किया तो सभी के होश उड़ गए। भाभी से अवैध संबंध बनने के बाद जब बड़ा भाई रोड़ा बनने लगा तो छोटे भाई ने सुपारी किलर की मदद से हत्या करा दी। आरोपित मचेंट नेवी में इंजीनियर है।

loksabha election banner

पुलिस ने किया मामले का पर्दाफाश

टीपीएस कॉलेज के राजनीतिक विज्ञान के प्रोफेसर शिव नारायण राम की हत्या उनके ही सगे छोटे भाई वीरेन्द्र राम ने कराई थी। पुलिस ने मंगलवार को मामले का पर्दाफाश कर बताया कि आरोपित भाई का भाभी से अवैध संबंध था जिसमें प्रोफेसर रास्ते का रोड़ा बन रहे थे। उन्हें रास्ते से हटाने के लिए भाई ने अपने बिजनेस पार्टनर दोस्त शैलेंद्र की मदद से चार सुपारी किलर को हायर किया था। आठ दिनों तक रेकी करने के बाद अपराधियों ने प्रोफेसर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपित भाई वीरेन्द्र मर्चेंट नेवी में इंजीनियर है।

वारदात में इस्तेमाल की सामान बरामद

मंगलवार को एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि आरोपित छोटे भाई वीरेन्द्र राम, दोस्त शैलेन्द्र किशोर और चारों अपराधी विकास कुमार उर्फ बिल्ला, धीरज कुमार, अरमजीत और प्रेम सागर को एनआइटी मोड़ के पास से गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से हत्या में इस्तेमाल पिस्टल, स्कूटी और छह मोबाइल बरामद किए गए हैं। हत्या के समय अपराधियों ने जो कपड़े पहने थे, उसे भी बरामद किया गया है।

दोस्त की गिरफ्तारी के बाद मिले सबूत

कंकड़बाग के पूर्वी इंदिरानगर निवासी 54 वर्षीय प्रोफसर शिव नारायण की 29 जनवरी को कॉलेज जाने के समय सुबह करीब 11:30 बजे जनता फ्लैट ब्लॉक-18 के पास स्कूटी सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। एसएसपी ने एसपी जितेन्द्र कुमार के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया था। पुलिस प्रोफेसर के घर, घटनास्थल से लेकर कॉलेज की गतिविधियों पर निगरानी और पारिवारिक पृष्ठिभूमि के संबंध जानकारी जुटाने लगी। करीब तीन दिनों तक जांच के बाद स्पष्ट हो गया कि हत्या के पीछे किसी बाहरी का हाथ नहीं है। पुलिस की तफ्तीश में पता चला प्रोफेसर के घर उनके छोटे भाई का दोस्त शैलेंद्र का भी आना जाना था। वारदात के तीन दिन पहले भी वह घर आया था। लेकिन, वारदात के बाद से वह वीरेंद्र से न तो फोन पर बात कर रहा और न ही उसके संपर्क में है। संदेह के आधार पर पुलिस ने सोमवार की देर रात गोविंद मित्र रोड के धनमती अंबिका एजेंसी के मालिक शैलेन्द्र किशोर को आलमगंज थाना क्षेत्र के नुरानी बाग कॉलोनी से हिरासत में लेकर चौक थाने में पूछताछ शुरू की। थोड़ी देर में ही शैलेंद्र ने पुलिस के सामने सच कबूल कर लिया और वारदात में शामिल सभी लोगों का ठिकाना बता दिया।

वारदात के बाद भी पुलिस के संपर्क में रहता था भाई

पुलिस ने शैलेंद्र को गिरफ्तार करने के साथ ही वीरेंद्र कुमार को भी उसके घर से दबोच लिया। पुलिस की एक टीम ने एनआइटी मोड़ के पास से चारों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। सभी को आमने सामने बैठाकर पूछताछ शुरू हुई। एसएसपी ने बताया कि पूछताछ और तकनीकी जांच में पता चला कि वीरेंद्र का प्रोफेसर की पत्नी से करीब दस साल से अवैध संबंध था। 29 जनवरी को केस दर्ज दर्ज होने के बाद से वह लगातार पुलिस के संपर्क में था। संदेह पहले से था, लेकिन ठोस साक्ष्य नहीं थे। ज्ञात हो कि प्रोफेसर की हत्या के विरोध में कॉलेज के छात्रों और शिक्षकों ने कई बार मार्च निकाला था।

विकास ने मारी थी गोली, 22 जनवरी को करनी थी हत्या

पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वीरेंद्र अपने भाई को तीन माह से रास्ते से हटाने की योजना बना रहा था लेकिन शूटरों से संपर्क नहीं हो पा रहा था। 21 जनवरी को वह अपने दोस्त की एजेंसी पर गया। वीरेंद्र ने शैलेन्द्र के बिजनेस में 21 लाख रुपये खर्च किए थे। शैलेंद्र ने दो लाख रुपए में पीरबहोर निवासी विकास कुमार को सेट किया। विकास ने धीरेंद्र, अमरजीत और प्रेम सागर के साथ मिलकर प्रोफेसर की हत्या की सुपारी ली। दोनों 22 जनवरी को स्कूटी और बाइक से कंकड़बाग पहुंचे, लेकिन प्रोफेसर ऑटो से नहीं उतरे। इसके बाद अपराधी लौट गए। फिर 29 जनवरी को चारों शूटर प्रोफेसर की हत्या करने पहुंचे। विकास ने प्रोफेसर को गोली मार दी। अगले दिन विकास को शैलेंद्र ने दो लाख रुपये दिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.