आखिर क्यों कर ली स्मृति ने फंदे से लटककर खुदकशी
पटना के पाटलिपुत्र स्थित अल्पावास गृह में रहने वाली स्मृति साह ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर सनसनी फैला दी है।
पटना [जेएनएन]। वह अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी थी। गुजारा के लिए उसे लगभग पंद्रह हजार रुपये तनख्वाह मिलती थी। फिर भी उसने जिंदगी से नाता तोड़ लिया। पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के जीडी मिश्रा पथ स्थित प्रयास भारती संस्था के अल्पावास गृह में रहने वाली स्मृति साह (23) ने कमरे में पंखे से फांसी का फंदा लगाकर खुदकशी कर ली। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर उसके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। कमरे से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने मौत के लिए किसी को जिम्मेवार नहीं ठहराया है।
सुसाइड नोट में उसने लिखा है- 'संस्था के लोग काफी अच्छे हैं। उसे बहुत प्यार करते हैं। मैं अपनी इच्छा से जान दे रही हूं। इस घटना की जानकारी मेरे घरवालों को नहीं दी जाए और न ही परिवार का कोई सदस्य मेरा अंतिम दर्शन करे।' थानाध्यक्ष टीएन तिवारी ने बताया कि मामले में पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है। वहीं, संस्था की प्रमुख डॉ. सुमन लाल ने बताया कि स्मृति के घरवालों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
कोलकाता की रहने वाली थी स्मृति : स्मृति कोलकाता के खिदिरपुर की रहने वाली थी। वर्ष 2012 में जीआरपी को वह पटना जंक्शन पर भटकती हुई मिली थी। पूछने पर उसने बताया था कि उसके पिता की मृत्यु हो गई है। सौतेली मां ने उसे कोलकाता में जिस्मफरोशी कराने के लिए बेच दिया था। किसी तरह वह वहां से भाग कर हावड़ा जंक्शन आई और वहां से ट्रेन पकड़कर पटना पहुंच गई। स्मृति दोबारा घर नहीं जाना चाहती थी, इसलिए जीआरपी ने पुनर्वास के लिए उसे प्रयास भारती संस्था को सौंप दिया था।
एनआइओएस से कर रही थी पढ़ाई : डॉ. सुमन लाल के मुताबिक स्मृति जिस वक्त संस्था को सौंपी गई थी, वह पढ़ी-लिखी नहीं थी। वह अल्पावास गृह में रहकर पढ़ाई कर रही थी। दो साल पहले उसने एनआइओएस से दसवीं की परीक्षा पास की। इसके बाद कंप्यूटर का कोर्स किया। वह पढ़ने में इच्छुक थी। उसकी लगन और मेहनत देखकर संस्था में उसे चाइल्डहुड एजुकेटर की नौकरी दी गई। बकायदा हर महीने उसे 14,500 रुपये तनख्वाह भी मिलती थी। इस साल स्मृति एनआइओएस से प्लस टू की परीक्षा देने वाली थी।
डिप्रेशन हो सकता है कारण : डॉ. सुमन लाल ने बताया कि अक्सर अल्पावास गृह में रहने वाली लड़कियों को उसके परिजन लेकर चले जाते थे। संस्था के सहयोग से दो जुलाई को एक लड़की की शादी कराई गई। स्मृति लंबे समय से यहां रह रही थी, मगर उसके घर वालों ने कभी संपर्क करने की कोशिश नहीं की। शायद, इन कारणों से वह अवसाद की शिकार हो गई। इधर, थानाध्यक्ष ने भी प्रथम दृष्टया आत्महत्या का कारण डिप्रेशन बताया है।