90 साल बाद थम जाएगा 'तूफान'
-अब धड़धड़ाती हुई स्टेशनों पर नहीं पहुंचेगी अंग्रेजों द्वारा चलाई गई उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस -हावड़ा-श्री गंगानगर तक की दूरी 45 घंटे 25 मिनट में होती है तय --------- -01 जून 1930 को शुरू हुई थी तूफान एक्सप्रेस अपने समय में सबसे तेज गति वाली ट्रेनों में थी शुमार ---------------
चन्द्रशेखर, पटना
स्वतंत्रता आंदोलन के समय अंग्रेजों द्वारा चलाई गई 13007/08 उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस बंद होने जा रही है। 1 जून 1930 से हावड़ा-श्री गंगानगर तक चलने वाली यह ट्रेन सबसे लंबी दूरी की ट्रेनों में एक थी। हावड़ा से 1978 किमी लंबी दूरी तय करते हुए 45 घंटे 25 मिनट में श्री गंगानगर पहुंचती थी। अपने समय की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेनों में शुमार थी। भले ही लंबी दूरी की थी, लेकिन इसमें सवार होने वाले अधिकांश यात्री स्थानीय होते थे। इसमें यात्रा करने पर विभिन्न संस्कृतियों की छटाएं देखने को मिलती थीं, अब यह ट्रेन यादों में ही रह जाएगी।
रेलवे बोर्ड की ओर से इस ट्रेन के परिचालन को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया गया है। ट्रेन 19 मई से अस्थायी रूप से निरस्त चल रही है।
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आठ राज्यों से गुजरती थी
उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस आठ राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब एवं राजस्थान होते हुए हावड़ा से श्री गंगानगर तक पहुंचती है। वर्तमान में 110 किमी प्रति घंटा और औसतन 44 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलती थी। अप में यह ट्रेन 1978 किमी की दूरी 45 घंटा 25 मिनट में 110 स्टेशनों पर रुकते हुए तय करती थी। वहीं, डाउन में यह 107 स्टेशनों पर रुकते हुए इतने ही दूरी 46 घंटा 20 मिनट में तय करती थी। इस ट्रेन में एसी थ्री, एसी टू व स्लीपर कोच के साथ ही बड़ी संख्या में जनरल बोगियां लगी रहती थीं। इतनी लंबी दूरी की ट्रेन होने के बावजूद इसमें कोई पैंट्री कार नहीं थी।
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शुरुआत में कम था ठहराव
लोग बताते हैं, जब यह ट्रेन शुरू हुई थी तो काफी कम स्टेशनों पर रुकती थी। कई स्टेशनों पर आंदोलन के बाद इसका ठहराव दिया गया था। अधिकांश स्टेशनों पर दैनिक यात्रियों के लिए यह सबसे प्रमुख ट्रेनों में से एक थी।