मक्का का फर्जी बीज बेचा तो होगी कार्रवाई, कृषि विभाग ने जांच के लिए बनाई आठ टीमें
मक्का के फर्जी बीज बेचते पाए गए तो डीलरों पर कार्रवाई होगी। मक्का की बुआई के मौसम से पहले राज्य में सक्रिय सभी डीलरों की जांच की जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने आठ टीमों का गठन किया है।
पटना, जेएनएन। मक्का के फर्जी बीज बेचते पाए गए तो डीलरों पर कार्रवाई होगी। मक्का की बुआई के मौसम से पहले राज्य में सक्रिय सभी डीलरों की जांच की जाएगी। इसके लिए कृषि विभाग ने आठ टीमों का गठन किया है। प्रत्येक टीम में डिप्टी डायरेक्टर स्तर के दो-दो अधिकारी हैैं, जिन्हें अलग-अलग जिलों की जिम्मेवारी दी गई है। अधिकारी अपने प्रभार वाले क्षेत्र के किसानों से बात करेंगे। डीलरों के बारे में फीडबैक लेंगे और उसके बाद मुख्यालय को रिपोर्ट देंगे। इसकी भी जानकारी ली जाएगी कि किस जिले में कौन से प्रभेद के मक्के की ज्यादा खेती होती है और बीज की आपूर्ति कहां से होती है। टीम ज्यादातर उन जिलों में ही काम करेगी, जहां मक्के की खेती ज्यादा होती है।
हर साल नए बीज का ही इस्तेमाल करते हैं
क्षेत्र से फीडबैक के आधार पर पता लगाया जाएगा कि डीलरों को जिन प्रभेदों का लाइसेंस दिया गया था, उन्होंने उसी प्रभेद की बिक्री की या किसी और प्रभेद की कर दी। अंतर मिलने पर लाइसेंस को रद भी किया जा सकता है। कृषि विभाग ने सभी डीलरों को लाइसेंस के साथ बिक्री वाले पैकेटों पर बीज के प्रभेद भी अंकित करने का आदेश दे रखा है। अब जांच के लिए अधिकारियों की टीम का गठन किया जा रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा संकर प्रभेद के मक्के की बुआई होती है। किसान हर साल नए बीज का ही इस्तेमाल करते हैं।
जानें कौन है टीम में
कृषि विभाग ने बेगूसराय और खगड़िया जिले के लिए अपर निदेशक धनंजय पति त्रिपाठी के नेतृत्व में टीम बनाई है। अरविंद शर्मा की टीम को सारण, सिवान और गोपालगंज, संयुक्त निदेशक एएन राय की टीम को पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, उमेश चौधरी को भागलपुर, बीएन सिंह की टीम को पूर्णिया एवं कटिहार, सुरेश प्रसाद गुप्ता की टीम को अररिया और किशनगंज, डॉ. ब्रजेश कुमार को समस्तीपुर एवं मुजफ्फरपुर और जयप्रकाश नारायण को सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा की जिम्मेवारी सौंपी गई है।