बिहार में दो IPS पर गाज: एक ने दुष्कर्म केस काे नहीं लिया था गंभीरता से तो दूसरे पर पोस्टिंग का मामला
विवेकानंद पर राजबल्लभ मामले में जांच में लापरवाही करने के आरोप तो सुनील कुमार पर मनमाने तरीके से तबादले करने और अन्य आरोप। दोनों अधिकारियों पर विभाग ने की कार्रवाई।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार सरकार ने नालंदा के तत्कालीन एसपी विवेकानंद और मोतिहारी के तत्कालीन एसपी सुनील कुमार पर कार्रवाई की है। इन दोनों अधिकारियों के एक-एक वेतनवृद्धि पर रोक लगाई गई है। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
गृह विभाग के आदेश के मुताबिक नालंदा एसपी के रूप में तैनात रहने के दौरान विवेकानंद ने एक नाबालिग लकड़ी के साथ राजद नेता राजबल्लभ यादव द्वारा किए गए दुष्कर्म मामले में प्रेस काे गैर जिम्मेदाराना बयान दिया। उन्होंने नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले को रुटीन तरीके से तो लिया ही, कार्रवाई में भी शिथिलता बरती। उनकी गलती की वजह से नामजद अभियुक्तों को फरार होने का मौका मिल गया। जिसके बाद विवेकानंद के खिलाफ विभागीय जांच चलाई गई। कार्रवाई के दौरान उनके द्वारा दिए गए जवाब को संतोषप्रद नहीं माना गया। इसके बाद अब उनके वेतन के समयमान में एक वर्ष के लिए एक स्तर की कटौती करने के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि विवेकानंद फिलहाल एआइजी (क्यू) के पद पर तैनात हैं।
दूसरी ओर मोतिहारी के एसपी रहे सुनील कुमार पर आरोप है कि एसपी के रूप में कार्य करने के दौरान उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों के मनमाने तरीके से तबादले किए। जाति विशेष के पुलिस पदाधिकारियों को थानाध्यक्ष बनाया। उन पर यह भी आरोप है कि वे पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारियों से मिलने से भी इन्कार कर देते थे। उनके खिलाफ विभागीय जांच बिठाई गई। जांच के आधार पर अब सुनील कुमार के एक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है। बता दें कि सुनील कुमार फिलहाल एआइजी निरीक्षण के पद पर तैनात हैं।