बिहार विधान सभा में विधायकों की पिटाई के खिलाफ कार्रवाई, स्पीकर विजय सिन्हा ने मांगी रिपोर्ट
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान संसदीय परंपराओं को कठघरे में खड़े करने वालों पर कार्रवाई होगी। इसकी जद में सदन के भीतर अनियंत्रित तरीके से हंगामा करने वाले विधायक और उनकी पिटाई करनेवाले पुलिसकर्मी भी आएंगे । सीएम नीतीश ने भी कार्रवाई के संकेत दिए थे।
पटना, राज्य ब्यूरो । विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान संसदीय परंपराओं को कठघरे में खड़े करने वालों पर कार्रवाई होगी। प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इसकी जद में सदन के भीतर अनियंत्रित तरीके से हंगामा करने वाले विधायक भी आएंगे और विधानसभा परिसर में सीमा से आगे जाकर मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी भी। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अपने स्तर से दोनों मामलों का संज्ञान लिया है।
स्पीकर ने तय की जवाबदेही
स्पीकर ने गुरुवार को दोषियों को चिह्नित करने की जवाबदेही दो स्तर पर तय की है। सदन के अंदर और बाहर विधायकों से मारपीट के मामले में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद एवं डीजीपी एसके सिंघल से दोषी पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट मांगी गई है। इसी तरह स्पीकर ने विधायकों के व्यवहार की समीक्षा का भी निर्णय लिया है। उन्होंने मामले को विधानसभा की आचार समिति को सौंपा है, जो वीडियो फुटेज के जरिए 23 मार्च की घटना की पड़ताल करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी।
डीजीपी से की बात
मामले की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि स्पीकर ने गुरुवार को गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और डीजीपी से दूरभाष पर खुद ही पहल करके बात की और जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा। उन्होंने साफ कहा है कि सदन की गरिमा का ख्याल रखने की जवाबदेही सबकी है। लक्ष्मण रेखा पार करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती है।
सीएम नीतीश ने दिए थे कार्रवाई के संकेत
बजट सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विधानसभा की घटना पर कार्रवाई के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि कार्रवाई का अधिकार स्पीकर के पास है। अगर वह चाहेंगे तो दोषियों को चिह्नित करके कार्रवाई की जा सकती है। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा भी संसदीय तरीके से सदन चलाने के पक्षधर रहे हैैं। बजट सत्र के प्रारंभ से ही वह पक्ष-विपक्ष के सदस्यों को सकारात्मक विमर्श की अपील करते रहे हैैं। कई मौकों पर उन्होंने सदस्यों को आगाह भी किया है कि सदन चलाने में व्यवधान डालने वाले सदस्यों पर कार्रवाई भी हो सकती है।
क्या है मामला
विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को पारित कराने के दौरान 23 मार्च को सत्र के दौरान विधानसभा में भारी हंगामा हुआ था। विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही नहीं चलने दी थी और स्पीकर को पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा था। हालात इतने अनियंत्रित हो गए थे कि परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी थी। विधायकों को सदन से बाहर निकालने के लिए बल प्रयोग भी करना पड़ा था। इसी दौरान विपक्ष ने विधायकों के साथ मारपीट के आरोप भी लगाए थे। पूरे मामले पर तीन दिनों से बिहार की राजनीति गर्म है।